भोपाल : राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अतिवृष्टि के कारण आई बाढ़ के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इसके बाद उन्होने सरकार से जल्द से जल्द प्रभावितों को मुआवजा देने सहित अन्य मांगें रखी हैं। उन्होने कहा कि डूब प्रभावितों को अन्य स्थान पर विस्थापित किया जाए और प्लॉट आवंटन के साथ उन्हें आवास निर्माण राशि भी दी जाए। उन्होने कहा कि ‘ग्रामीणों के अंदर रोष और दुख है कि 15 दिन पहले जब असमय बारिश शुरू हुई तो मुख्यमंत्री शिवराज जी ने इंद्र देवता का शुक्र मनाया और हमें डूबने के लिए छोड़ दिया। रात के 3 बजे तक लोग मुझे अपना दुख सुनाते रहे और मैं गाँव गाँव घूमता रहा। 27/28 सितंबर के दिन-रात लगाने के बाद कुछ तथ्य साझा कर रहा हूँ।’
दिग्विजय सिंह ने की ये मांग
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं दो दिनों से धार, बड़वानी, खरगोन ज़िले के गाँवों व ओंकारेश्वर (खंडवा) के दौरे पर था। हज़ारों स्थानिकों से मुलाक़ात के बाद जाना कि हालिया बारिश और बाढ़ ने इलाक़े में भारी तबाही मचाई है। भाजपा जिसे प्राकृतिक आपदा बता रही है वह प्रशासनिक उपेक्षा का सबसे बड़ा उदाहरण साबित हो रहा है। उन्होने लिखा है “मैंने 27/28 सितंबर को नर्मदा जी में आई बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था। पूरे। पूर्व के पोस्ट में मैंने बाढ़ के कारण और तबाही का ज़िक्र किया है। यहाँ हानि का ब्यौरा और बचाव राहत को लेकर उठी माँगों का लेखा जोखा प्रस्तुत कर रहा हूँ।
- डूब प्रभावित ग्रामों को अन्य स्थान पर विस्थापित किया जाए
- विस्थापितों को उनके खेतों से निकट स्थानों पर ही बसाया जाए
- जो भूमि डूब में आती है उसका मुआवज़ा भूमि अधिग्रहण क़ानून 2013 के अंतर्गत हो
- प्लॉट आवंटन के साथ ही आवास निर्माण की राशि स्वीकृत की जाए
- अंजड़ क्षेत्र में कई ऐसे मामले हैं जिन्हें प्लॉट मिल गया लेकिन आवास निर्माण की ₹5.80 लाख की राशि नहीं मिली। राशि वितरण सुनिश्चित किया जाए
- नर्मदा ट्रिब्यूनल अवार्ड के मुताबिक़ Maximum Reservoir level 140 मीटर होना था लेकिन इस बाढ़ में पानी 144-145 मीटर तक गया
- जिन गांवों में मकान इस बाढ़ के पानी में प्रभावित हुए हैं उनका पुनः सर्वे कराया जाए। • डूब प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत दी जाए
- अभी तक जो सर्वे हुआ है वहाँ कहीं भी नुक़सान का पंचनामा नहीं बनाया गया है जोकि बनाना अनिवार्य है
- जनहानि, पशुहानि का तत्काल मुआवज़ा दिया जाए
- कपड़े, बर्तन, बिस्तर, फर्नीचर आदि का मुआवज़ा तत्काल मिले
- जिन दुकानों में पानी घुस जाने से नुक़सान हुआ है उनके समान का वास्तविक आँकलन कर मुआवज़ा दिया जाए
- ओंकारेश्वर के दुकानदारों से अनेक अनावश्यक प्रमाण पत्र माँगे जा रहे हैं। छोटे दुकानदारों की बैठने के स्थान पर तार लगाए जा रहे हैं जिससे उनका रोज़गार छिन जाएगा।
- जिन खेतों में मिट्टी बह गई और खेत बर्बाद हो गए हैं। उसका भूमि अधिग्रहण क़ानून के अनुसार भुगतान किया जाए।
उन्होने कहा कि मुआवज़ा वितरण की प्रक्रिया निष्पक्ष और पूर्ण रूप से पारदर्शी हो ताकि भेदभाव के आरोपों से परे सबको इसका लाभ मिल सके। इसी के साथ उन्होने सरकार पर आरोप लगाया कि बाढ़ प्रभावित लोगों की सुध नहीं ली गयी। न सरकारी मदद, न मुआवज़ा और न ही राशन की उचित व्यवस्था हुई। लोग आज भी त्रस्त हैं और सरकार हवाई शो कराने में मस्त है। अब जब कांग्रेस नेताओं ने ज़मीनी हालात पर चेताना शुरू किया है तो तब सीएम शिवराज का कार्यक्रम तैयार हो गया। दिग्विजय सिंह ने जल्द से जल्द पीड़ितों को राहत देने की मांग की है।