भोपाल : भारत सरकार ने हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा की , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी साझा है, आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले पर नेताओं की अलग अलग प्रतिक्रिया आई, अधिकांश ने स्वागत किया तो कुछ विपक्षी नेताओं ने विरोध भी किया, अब मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है उन्होंने भाजपा के एक सीनियर नेता को भी भारत रत्न दिए जाने की मांग की है।
दिग्विजय सिंह की मांग, मुरली मनोहर जोशी को भी दिया जाये भारत रत्न
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट शेयर की है, दिग्विजय सिंह ने लिखा – “मोदी जी ने लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न दे कर नेक कार्य किया है, बधाई। देर से ही सही पर दिया तो। अब एक और हैं जिन्होंने, आरएसएस , भाजपा और देश के लिए उल्लेखनीय सेवाएँ दी हैं वे हैं, डॉ मुरली मनोहर जोशी। उनको भी भारत सरकार को सम्मानित करना चाहिए।”
भारत सरकार ने 3 फरवरी को आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की
आपको बता दें कि भारत सरकार ने दो दिन पहले 3 फरवरी को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की घोषणा की थी , पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसकी जानकारी सबसे पहले देश से साझा की थी , उन्होंने लिखा – मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी। हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उप-प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।
मोदी ने आगे लिखा सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी की दशकों लंबी सेवा को पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया है, जिसने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है।’ मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।