भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ FIR किए जाने का विरोध करते हुए मांग की है कि उनपर दर्ज अपराधों को निरस्त किया जाए। बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को पत्रकार वसीम अकर्म त्यागी, जाकिर अली त्यागी सहित पाँच लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर यह आरोप लगाने के लिए मामला दर्ज किया कि राज्य के शामली जिले में एक मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों के लिए की मांग
इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा है कि ‘देश में नफ़रत व हिंसा का दौर बढ़ता जा रहा है। सांप्रदायिकता का जिन्न देश की सांप्रदायिक विचारधारा के राजनीतिक दल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए यह ज़हर फैला रहे हैं। पुलिस भी इस सांप्रदायिकता की आग को शांत करने के बजाय नेताओं के दबाव में इस ज़हर पर अंकुश नहीं लगा रही है। यह किसी के हित में नहीं है। पत्रकार यदि खबर नहीं करेंगे तो देश में प्रजातंत्र कैसे रहेगा? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कैसे रहेगी? मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता हूँ निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज किया अपराध निरस्त करें।’
ये है मामला
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते शनिवार सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में वसीम अकरम त्यागी, ज़ाकिर अली त्यागी सहित पाँच लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। अन्य आरोपितों में आसिफ राणा, सैफ अल्लाहबादी और अहमद रजा खान शामिल हैं। शुक्रवार को जाकिर अली त्यागी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि शामली जिले के जलालाबाद कस्बे में मॉब लिंचिंग की घटना में फिरोज यानी काला कुरेशी नाम के शख्स की मौत हो गई. उन्होंने उन लोगों के नाम भी बताए जिन्होंने कथित तौर पर क़ुरैशी की पिटाई की थी। इसके बाद इस पोस्ट को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ख़ुद शिकायतकर्ता है और उसका कहना है कि इन सभी के ट्वीट से समाज में शांति भंग और वैमनस्य फैलने की आशंका है, साथ ही दूसरे समुदाय के लोगों में इनके कार्यों से नाराज़गी है।