भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होने अनुरोध किया है कि प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में आयोजित की गई परीक्षाओं में, जिनके रिजल्ट घोषित होने के बाद उनपर गंभीर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के कारण नियुक्तियां नही की गई हैं। उन मामलों में हुये भ्रष्टाचार की शीघ्र जांच पूरी करके पात्र युवाओं को नियुक्तियां दी जाए। इसी के साथ उन्होने दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग भी की है।
दिग्विजय सिंह द्वारा लिखा गया पत्र
अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि “प्रिय डॉ मोहन यादव जी..मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में ग्रुप 1, 2, 4, 5 के पदों के साथ-साथ पटवारी, वनरक्षक, शिक्षकवर्ग-1, पुलिस कॉन्स्टेबल तथा कृषि विभाग के अंतर्गत ATMA प्रोजेक्ट हेतु विज्ञापित कुल 37790 पदों पर भर्ती के लिये मार्च 2023 से अगस्त 2023 तक परीक्षाएं आयोजित की गई थी। उक्त परीक्षाओं में से ग्रुप-2 और पटवारी परीक्षा के कुल 9073 पदों के रिजल्ट के अलावा किसी भी परीक्षा का अभी तक रिजल्ट घोषित नही किया गया है। जिन 9073 पदों का परिणाम घोषित किया गया है उन पर भी अभी तक गंभीर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के कारण नियुक्तियां नही की गई हैं। भ्रष्टाचार के उक्त मामलों में सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी को 30 अगस्त 2023 तक रिपोर्ट देनी थी जिसने अभी तक कोई रिपोर्ट नही दी है। इससे यह आशंका पुष्ट हो जाती है कि जिन परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिये गये थे उनमें हुये भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों पर भी सरकार लीपापोती करने का प्रयास कर रही है।”
“जहां मध्यप्रदेश में एक ओर लगातार बढ़ती बेरोजगारी के कारण युवाओं में व्याकुलता है वहीं परीक्षाओं के परिणाम नही आने और भ्रष्टाचार के कारण नियुक्तियों पर रोक लगा दिये जाने से प्रदेश के बेरोजगार युवक भारी हताशा और अवसाद का सामना कर रहे है। युवाओं में आत्महत्या की भावना विकसित हो रही है, जो बहुत ही दुःखद है। मेरा आपसे अनुरोध है कि उक्त परीक्षाओं में जिनके रिजल्ट घोषित कर दिये गये है उनमें हुये भ्रष्टाचार की शीघ्रातिशीघ्र जांच पूरी करके पात्र युवाओं को शीघ्र नियुक्तियां दी जाये। दोषियों पर कठोर कार्यवाही हो तथा जिन परीक्षाओं के परिणाम अभी तक घोषित नही किये गये हैं उनके परिणाम शीघ्र घोषित कर उन्हें नियुक्तियां दी जाए जिससे युवाओं में व्याप्त भयंकर रोष एवं अवसाद को नियंत्रित किया जा सके।”