भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दो दिन में ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है। अंतिम दिन विधानसभा में जमकर ड्रामा हुआ है। प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा अचानक सदन के वेल में पहुंचे और कांग्रेस नेताओं से अपनी जान बचाने को लेकर गुहार लगाते नजर आए। इसके थोड़ी देर बाद, कांग्रेस विधायक पंचीलाल मेदा ने विरोध के रूप में सदन में अपना कुर्ता फाड़ दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी पिटाई की थी लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन के कामकाज को आगे बढ़ाया और 12 विधेयकों को पारित किया। इसमें वित्तीय वर्ष के पहले अनुपूरक बजट 9,519 करोड़ रुपये शामिल थे।
गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता डॉ गोविंद सिंह ने पोषणहार घोटाले पर कहा कि स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा लंबित है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपना बयान दिया तो मैंने कहा कि जो भी इस पर बोलना चाहते हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा। आप अपने ही विधायकों के हंगामे के कारण बात नहीं कर सके। आप अभी भी हमारे ऑफिस में बैठकर मामले को सुलझा सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि हम बयान नहीं, इस मुद्दे पर बहस चाहते हैं। हंगामे के बीच स्पीकर ने पहले सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित किया।
सुबह 11.16 बजे जब सदन की शुरुआत फिर से हुई तो सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा चिल्लाते हुए वेल की ओर दौड़े। ‘माननीय अध्यक्ष महोदय, बचाओ मुझे बचाओ, मेरी जान की रक्षा करें, प्लीज मुजे बचाएं’। इस दौरान संसदीय मामलों के मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें वेल में जाने से रोक लिया। शर्मा वहां खड़े थे और उनकी बांहें ऊंची थीं और वह कांग्रेस पार्टी से खतरे का दावा कर रहे थे। बुधवार शाम को शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने एक आवेदन दिया था, जिसमें आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनकी जान को खतरा है। बाद में उन्होंने कहा कि हमने जेड प्लस सुरक्षा मांगी है।
इस बीच धरमपुरी सीट से कांग्रेस विधायक पंचीलाल मेदा सदन में आए और आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें तख्तियां लेकर विधानसभा में जाने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनका हाथ घुमाया, कॉलर पकड़ा और उसे जमीन पर पटक दिया। इस दौरान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा उनकी चोटों को देखना चाहते थे। इस दौरान विधायक बेंच तक गए और अपना फटा हुआ पजामा दिखाया। शर्मा जब मेदा के पास गए और मंत्री को अपना फटा हुआ पजामा दिखाया। वहीं, उमाशंकर शर्मा ने कहा कि जब वह कॉलर पकड़कर प्रदर्शन किया। इसलिए जेड प्लस की सुरक्षा की मांग की। उनके समर्थन में पार्टी के विधायकों ने उनका समर्थन में हंगामा किया। स्पीकर गिरीश गौतम ने पूरे प्रश्नकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसके बाद शून्यकाल में मेदा की बारी थी। दूसरे स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद कांग्रेस विधायक मेदा अपने कुर्ते को फाड़कर वेल में चले गए, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए, उनके साथ कथित तौर छेड़छाड़ की थी। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि एक आदिवासी विधायक के साथ अन्याय हुआ है। कांग्रेस के अन्य आदिवासी विधायकों ने परेशान दिख रहे मेदा को शांत करने की कोशिश की। पार्टी के हीरालाल अलावा और ओंकार सिंह मरकाम ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
बाद में, सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेदा ने आंसू बहाते हुए कहा कि मेरे साथ हाथापाई की गई और पीटा गया क्योंकि मैंने कारम बांध के टूटने और इसमें शामिल होकर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। सुबह 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक सदन में विरोध प्रदर्शन, नारेबाजी, हंगाम, ड्रामा और मंत्रियों ने हंगामे के बीच बिल पेश किया और उन्हें ध्वनिमत से पारित कराया।