भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और विभागों में पारदर्शी व्यवस्था बनाये रखने के अंतर्गत सभी विभाग प्रमुख एक्टिव मोड में हैं, इसी क्रम में आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त म.प्र. ग्वालियर ने राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत ई-खसरा परियोजना को लागू की है। शासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे ई-खसरा खतोनी ही लें।
आमतौर पर अपने खेत की खसरा खतौनी लेने के लिए किसान बहुत परेशान होता है, जानकारी का अभाव, शिक्षा का अभाव जैसी कई समस्याएं होती हैं जो किसानों को परेशान करती हैं और फिर सरकारी कार्यालयों में बैठे कुछ कर्मचारी किसानों की मज़बूरी का फायदा उठाते हैं और रिश्वत लेकर उन्हें खसरा खतौनी की नकल उपलब्ध करवाते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
MP के किसानों की मिलेगा अब ई-खसरा खतौनी
राज्य सरकार ने अब एक पारदर्शी व्यवस्था लागू की है, अब मध्य प्रदेश में ई खसरा परियोजना लागू हो गई है जिसके अंतर्गत अनुबंधित फर्म द्वारा सभी तहसीलों में आई.टी. सेन्टर स्थापित किये गये हैं। जिनसे किसानों को उनकी मांग हिसाब से प्रमाणित खसरा बी-1, नक्शा की प्रतिलिपियाँ नियत शुल्क प्रति पृष्ठ 30 रुपये लेकर उपलब्ध कराई जा रही है।
भू अभिलेख कार्यालय की वेबसाईट पर निःशुल्क दिखेगा खेत का अक्स
शासन ने एक व्यवस्था और बनाई है वो ये कि कोई किसान यदि शुल्क देकर कॉपी नहीं लेना चाहता तो वो अपने खाते की नकल, खेत का अक्स विभागीय बेवसाईट www.mpbhulekh.gov.in पर नि:शुल्क देख सकता है। शासन ने किसानों से आग्रह किया है कि वे अब से ई खसरा परियोजना का ही लाभ लें।