सिंधिया के समर्थन में आगे आये ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, दिग्विजय को लेकर कह दी ये बड़ी बात…

ग्वालियर : ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच पिछले दिनों हुआ ट्वीट युद्ध मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। पहले दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के लिए कुछ ऐसा बोला जो उन्हें नागवार गुजरा तो पलट कर सिंधिया ने महाकाल से ही दिग्विजय को लेकर एक प्रार्थना कर डाली, अब इस मामले में कट्टर सिंधिया समर्थक और शिवराज सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सामने आये हैं, उन्होंने दिग्विजय सिंह पर बड़ा जुबानी हमला किया है।

विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर अंचल के “महाराजा” और “राजा” के बीच बयानबाजी का दौर जारी है जिसके चलते  राजनीतिक गलियारों में सियासी घमासान मचा हुआ है, अब महाराजा यानि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी मैदान में कूद पड़े हैं।

ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने “राजा” यानि पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि 2003 में दिग्विजय सिंह ने ही प्रदेश और कांग्रेस का बंटाधार किया था और यही कारण है कि 20 सालों से प्रदेश में कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई।

दिग्विजय ने कहा था कि “हे महाकाल कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो” दिग्विजय सिंह के इस बयान पर मीडिया के सवाल पर ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि दिग्विजय सिंह का बयान हताशा और निराशा का बयान है, उन्होंने कहा कि 2018 में महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) और उनके समर्थकों की वजह से कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में आई थी, खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने कमल नाथ से कहा कि जो वायदे जनता से किए हैं उन्हें पूरा करो नहीं तो सड़कों पर उतरना पड़ेगा लेकिन जवाब मिला आप सड़कों पर उतर जाएं फिर महाराज ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और कमल नाथ की सरकार गिर गई, उसके बाद जो हताशा और कुंठा कांग्रेस में है वह बार-बार दिग्विजय सिंह के बयानों में झलक रही है।

प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि दिग्विजय सिंह को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए मैं उनकी निंदा करता हूँ,  दिग्विजय सिंह के मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के दावे को लेकर ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि हसीन सपने दिन में देखे जा सकते हैं इन्हें कौन रोक सकता है?  दिग्विजय सिंह के कारण साल 2003 में कांग्रेस और प्रदेश का बंटाधार किया ऐसी ही बयानबाजी के कारण 20 साल से मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता से बाहर है।

मीडिया ने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया कि क्या कांग्रेस के कई नेता सिंधिया के संपर्क में हैं और चुनावों से पहले वे फिर बड़ा धमाका करेंगे तो उन्होंने कहा कि व्यक्ति विशेष लोग अगर उनके साथ आना चाहे तो उनका स्वागत है। भाजपा में सभी का स्वागत है जनता का आशीर्वाद भाजपा के साथ है इसलिए मध्य प्रदेश में सरकार भाजपा की ही बनेगी।

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