ग्वालियर. नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का सपना सच होने जा रहा है. देश में ड्रोन स्कूल की शुरुआत होने जा रही है. पहला ड्रोन स्कूल ग्वालियर में मार्च में शुरू होगा. इसके लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी और ग्वालियर के MITS के नाम बताए गए है.
देश का पहला ड्रोन स्कूल ग्वालियर में खुलने जा रहा है. मार्च महीने में MITS कॉलेज में ड्रोन स्कूल शुरू होगा. शुक्रवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (Indira Gandhi National Aviation Academy) और MITS के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) हुआ. देश के पहले ड्रोन स्कूल में 3 महीने से लेकर एक साल तक के कोर्स संचालित होंगे. 11 दिसंबर को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोलने का ऐलान किया था.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले साल 11 दिसंबर को ग्वालियर में आयोजित ड्रोन मेले में मध्य प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोलने की बात कही थी. ये स्कूल इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और सतना में खुलेंगे. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सिंधिया की घोषणा को अमलीजामा पहना दिया है. देश का पहला ड्रोन स्कूल मार्च महीने से ग्वालियर में शुरू होगा. ग्वालियर के माधव इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (MITS ) कॉलेज में ड्रोन स्कूल शुरू होगा. शुक्रवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी ने MITS कॉलेज के साथ ड्रोन स्कूल के लिए MOU किया है. MITS के डारेक्टर प्रो. आरके पंडित ने बताया कि ड्रोन स्कूल में छात्रों के लिए सर्वसुविधा उपलब्ध होंगी. ड्रोन की प्रेक्टिकल क्लास के लिए कॉलेज के एक बड़े मैदान को रिजर्व किया गया है.
3 महीने से एक साल तक के ट्रेंनिग कोर्स…
ग्वालियर में पहले ड्रोन स्कूल में 3 महीने से लेकर एक साल तक के ड्रोन पायलेट कोर्स होंगे. न्यूनतम 12 पास युवाओं को ड्रोन स्कूल में दाखिला मिल पाएगा. ड्रोन स्कूल के लिए ट्रेनिंग और ड्रोन उड़ाने की गाइड लाइन तैयार हो चुकी है. फरवरी महीने में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ड्रोन अकादमी भर्ती विज्ञापन जारी करेगी. इसमें प्रवेश और नियमावली का पूरा उल्लेख रहेगा.
ड्रोन टेक्नोलॉजी होगी कारगर
नागरिक उड्डयन मंत्री…
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर के बाद जल्द ही इंदौर, भोपाल, जबलपुर और सतना में ड्रोन स्कूल इसी साल शुरू किए जाएंगे. सिंधिया के मुताबिक ड्रोन टेक्नोलॉजी आने वाले वक्त की सबसे बड़ी जरूरत बनेगी. ड्रोन के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि क्षेत्र, सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में मदद मिलेगी. इनके संचालन की परेशानियां कम करने के लिए मंत्रालय ने नियमों में सरलता की है. युवाओं के लिए ड्रोन उड़ाने की ट्रेंनिग, लायसेंस की प्रक्रिया आसान की गई हैं.