सतना : मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में फर्जीवाड़ा कर द्वारका यात्रा पर जाने की कोशिश करने वाले मुरैना एसपी आशुतोष बागरी के पिता लालजी बागरी को इसकी सजा मिली है, कलेक्टर ने उन्हें निलंबित कर दिया है, कलेक्टर ने इसके आदेश जारी कर दिए है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना उन लोगों के लिए बनाई गई है जिसमें ऐसे लोग धार्मिक स्थलों की यात्रा पर जा सके जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या उनको धार्मिक यात्रा पर ले जाने वाला कोई नहीं हो लेकिन इसमें कुछ संपन्न लोग फर्जीवाड़ा कर इसका लाभ लेना चाहते हैं ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें जांच के बाद पहले तो आवेदन निरस्त किया गया और फिर एक्शन लिया गया।
दरअसल मुरैना जिले में पदस्थ एसपी आशुतोष बागरी के पिता लालजी बागरी शासकीय सेवक हैं वे सतना जिले के एक स्कूल में सहायक शिक्षक है और अभी संकुल केंद्र रैगांव में पदस्थ हैं । उन्होंने पिछले दिनों मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत द्वारिका जाने के लिए पत्नी विद्या देवी बागरी के साथ अपना आवेदन दिया था।
आवेदन पत्रों की जांच करने वाली समिति के सामने जब ये आवेदन पहुंचा तो पाया कि लालजी बागरी शासकीय सेवक है और आयकर दाता हैं, इनको मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेने की पात्रता ही नहीं है, फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कलेक्टर के आदेश पर लाल्गी बागरी और उनकी पत्नी विद्या देवी का आवेदन कल 23 जनवरी को निरस्त कर दिया गया।
सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने लालजी बागरी के इस कृत्य पर नाराजगी जताई औ राइज फर्जीवाड़ा करार देते हुए लालजी बागरी को निलंबित कर दिया, कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि सहायक शिक्षक लालजी बागरी ने यात्रा में जाने के लिए सक्षम स्वीकृति प्राप्त नहीं की, इतना ही नहीं आयकर दाता होने के अपने तथ्यों को छिपाकर योजना का गलत तरीके से लाभ लेने का कूटरचित प्रयास किया।
कलेक्टर ने लालजी बागरी के कृत्य को मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियमों का उल्लंघन पाया और उन्हें निलंबित कर दिया । कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में लालजी बागरी का मुख्यालय बीईओ मैहर रहेगा।