देवास : विधानसभा चुनाव के लिए जारी हुई कांग्रेस की दूसरी सूची में देवास जिले की अजजा आरक्षित सीट बागली से परंपरागत नामों से हट कर पार्टी ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गनमैन रहे गोपाल भोंसले को अपना प्रत्याशी बनाया है।गोपाल भोसले पुलिस विभाग के एस एस एफ में पदस्थ थे,और दिग्विजय सिंह के साथ नर्मदा परिक्रमा में पूरे समय साथ थे।भोसले ने जिले के चर्चित नेमावर कांड के बाद शासकीय सेवा से त्याग पत्र दे दिया था ,और पिछले कई दिनों से कांग्रेस से टिकट के लिए प्रयासरत थे।
इन टिकटों के बाद बागली, हाटपिपल्या और खातेगांव सीट पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का दबदबा देखने को मिला है पार्टी सूत्रों के अनुसार हाटपिपल्या में राजवीर सिंह बघेल, खातेगांव में दीपक जोशी और बागली में गोपाल भोंसले का टिकट दिग्विजय सिंह की सहमति से ही हुआ है।
बागली को जिला बनाना सबसे बड़ा मुद्दा : भोंसले
टिकट की घोषणा के बाद बागली पहुंचे भोंसले का स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर स्वागत किया। भोंसले अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखे। अपनी पहली प्रतिक्रिया में एमपी ब्रेकिंग न्यूज संवाददाता सोमेश उपाध्याय से चर्चा में उन्होंने कहा कि बागली में बहुत सारे मुद्दे हैं लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा बागली को जिला बनाने का है। भाजपा ने घोषणा करने के बाद भी बागली को जिला नहीं बनाया। कांग्रेस इस बार पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगी और जीत हासिल करेगी।
भोंसले का मजबूत पक्ष
भोंसले कोरकू समाज से आते हैं। कोरकू समाज के क्षेत्र में सर्वाधिक मतदाता हैं इसलिए जातिगत फेक्टर पूरी तरह पक्ष से कांग्रेस के में है। वह कांग्रेस में अब तक के सबसे युवा प्रत्याशी हैं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और दीपक जोशी के करीबी होने का भी लाभ भी भोंसले को मिलेगा।
कांग्रेस का ये हैं कमजोर पक्ष
कांग्रेस प्रत्याशी का कमजोर पक्ष ये है कि स्थानीय दावेदार विरोध कर रहे हैं। पूर्व जनपद अध्यक्ष रामेश्वर गुर्जर की नाराजगी के चलते कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। गुर्जर ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है।