पूर्व मंत्री ने किया मिशन 2023 का आगाज, क्या सिंधिया समर्थक के लिए बनेंगे मुश्किल…

देवास : इस वर्ष के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। चुनावी वर्ष के चलते वर्तमान विधायकों सहित दावेदार भी सक्रिय है। इसी तारतम्य में देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा के पूर्व विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके भाजपा नेता दीपक जोशी की सोशल मीडिया पोस्ट एक बार फिर चर्चा में है। बता दें कि जोशी ने संकेतों के माध्यम से मिशन 2023 की चेतावनी दी है। यही नही जोशी नववर्ष की पूर्व संध्या वर्तमान विधायक मनोज चौधरी के गृह क्षेत्र केलोद पहुँचे और कार्यकर्ताओ से मुलाक़ात की।हाटपिपल्या विधानसभा में जोशी की सक्रियता व अपनी ही सरकार के विरुद्ध बयान पार्टी के लिए मुश्किल न खड़ी कर दे।गौरतलब है कि जोशी जिले कि हाटपिपल्या विधानसभा से 2 बार विधायक रह चुके है और तीसरी बार अपने प्रतिद्वंद्वी मनोज चौधरी से पराजित हुए थे,हालांकि बाद में चौधरी स्वयं भाजपा में सम्मिलित हुए व चुनाव ऐतिहासिक बढ़त बनाई।

बरहाल भाजपा नेताओं की यह अंदरूनी खींचातानी आगामी चुनावों में पार्टी के लिए मुसीबत ही बनेंगी।

सिंधिया कोटे से विधायक मनोज चौधरी के पिता व भाई भी क्षेत्र में सक्रिय है।चौधरी के कारण जोशी की राजनीतिक जमीन खिसक सी गई है। प्रदेश भाजपा द्वारा भी जोशी की लगातार अवहेलना के चलते उन्होंने कई बार संकेतो में चेतावनी भी दी,परन्तु जोशी की चेतावनी का भाजपा पर कोई प्रभाव नही चल पाया।निगम मंडलो की नियुक्ति से लेकर संगठन के दायित्वों से भी जोशी को मुक्त रखा गया है। पिछले सप्ताह बागली विधानसभा के किसी घोटाले को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था,और जिला प्रशासन द्वारा सुनवाई न होने की पीड़ा भी जाहिर की थी। हालांकि हाटपिपल्या विधानसभा में ऐसे अनेक गाँव है, जहाँ जोशी अपना प्रभाव रखते है। मिशन 2023 की चेतावनी सिंधिया समर्थक विधायक मनोज चौधरी के लिए मुश्किल न खड़ी कर दे। यदि ऐसी परिस्थिति निर्मित होती है तो यह कांग्रेस को सीधा लाभ पहुचा सकती है।

करणी सेना भी दिखाएंगी प्रभाव

हाटपिपल्या विधानसभा में ब्राह्मण,राजपूतो व सैंधव समाज के भी अच्छे खासे मतदाता है।हाल ही करणी सेना के प्रदेश प्रभारी ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर की स्वाभिमान यात्रा का हाटपिपल्या विधानसभा में प्रवेश हुआ था। यात्रा को राजपूत समाज के साथ ही अन्य समाज का भी समर्थन मिला था। यहां से कांग्रेस के प्रमुख दावेदार कु.राजवीर सिंह बघेल भी राजपूत समुदाय से आते है। आरक्षण में संशोधन,एट्रोसिटी एक्ट में सुधार सहित 21 सूत्रीय मांग के समर्थन में उपजने वाले आंदोलन का प्रभाव भी इस विधानसभा में देखा जा सकता है।

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