मेरठ: आर्मी इंटेलिंट्स मेरठ ने सेना में नौकरी के नाम पर न केवल बड़े फर्जीवाड़ा को पकड़ा है, बल्कि आर्मी के टेरिटोरियल में एक सिविल व्यक्ति को भी रख कर सेना में चार माह तक नौकरी करवाई गई। आर्मी में तैनात जवान ने अपने साथी के साथ मिलकर दो भाइयों से नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लाख ठग लिए। एक भाई को बाकायदा चार महीने कैंट एरिया में रखकर फालोअर की नौकरी भी करा दी। प्रत्येक माह उसके खाते में वेतन के नाम पर 12 हजार डाले गए। पीड़ित की सूचना पर पुलिस ने आरोपी सेना के जवान राहुल को पकड़ लिया। उसका साथी बिट्टू को सोमवार देर रात मेरठ से ही गिरफ्तार कर लिया।
मनोज और उसके भाई की नौकरी लगवाने के लिए 16 लाख तय हुए। दस लाख नकद दिए और छह लाख मनोज ने राहुल के खाते में डाल दिए। इसके बाद राहुल, मनोज को टेरिटोरियल आर्मी के आफिस में अपने साथ रखने लगा। राहुल ने मनोज को बाजार से खरीदकर सेना की वर्दी और आइडी कार्ड दिया। अपने पठानकोट आफिस में बतौर फालोअर रखा। वहां का खाना भी मनोज बनाने लगा। साथ ही कभी-कभी बार्डर पर सेना के हथियारों के साथ ड्यूटी भी करवाई।
सोमवार देर रात गिरफ्तार हुआ बिट्टू कर्नल की वर्दी पहनकर मनोज से वीडियो काल पर बात करता था। मनोज को बताया जाता था कि कर्नल साहब अभी विदेश में हैं, वहां से लौटने के बाद उसका सेक्सन बदल देंगे। फिर उसे फालोअर की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी। अचानक ही मनोज को राहुल पर शक हुआ और उन्होंने किसी तरह आर्मी इंटेलिजेंस में संपर्क किया। आर्मी इंटेलिजेंस करीब एक माह से इन लोगों पर नजर रखे हुए थी और मेरठ पहुंचते ही सबसे पहले राहुल को मोदीपुरम के फेस टू से गिरफ्तार किया।
भारतीय सेना की एक इकाई और सेवा है। इसके स्वयंसेवकों को प्रतिवर्ष कुछ दिनों का सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर देश की रक्षा के लिए उनकी सेवाएं ली जा सके। कैंट एरिया में टेरिटोरियल आर्मी के आफिस में बतौर फालोअर बनकर मनोज चार महीने तक रहा और कश्मीर में बार्डर पर आर्मी हथियारों के साथ ड्यूटी भी की, लेकिन किसी को कोई शक नहीं हुआ, लेकिन राहुल के पकड़े जाने के बाद ये बहुत बड़ा खुलासा हुआ।
लखनऊ कमांड हाउस से लेकर दिल्ली रक्षा मंत्रालय तक मचा हड़कंप
मेरठ आर्मी इंटेलिजेंस ने जैसे ही लखनऊ से दिल्ली रक्षा मंत्रालय को सिविलियन वाली बात की जानकारी दी। एक सिविलियन ने बार्डर पर हथियारों संग ड्यूटी की है तो हड़कंप मच गया। अब आर्मी इंटेलिजेंस कड़ी से कड़ी जोड़ कर एक-एक उस व्यक्ति के तलाश करने में जुट गई है। जिन्होंने इन्हें सेना की वर्दी बेची, फर्जी दस्तावेज बनवाए, सेना व सेना के अधिकारियों की मोहर बनाई सभी के लिए अब पुलिस प्रशासन से बात कर उनकी भी गिरफ्तारी के प्रयास में लग गई है।