कांग्रेस विधायकों के आने से खुश नहीं गोवा के भाजपा चीफ, दिगंबर कामत को बताया ‘धोखेबाज’…

पणजी : गोवा में कांग्रेस में बड़ी टूट और 8 विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार इस बात के संकेत मिले हैं कि बीजेपी के अंदर इसे लेकर असंतोष है। गोवा के भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेट तनावड़े ने कहा है कि यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व का था और स्टेट यूनिट को उन फैसलों को मानना होता है। 

तनावड़े ने कोर कमिटी की बेठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, भाजपा एक केद्र की पार्टी है। ऐसे बड़े फैसले स्थानीय इकाई नहीं लेती है। यह फैसला भी केंद्र की तरफ से ही लिया गया था। जो 8 लोग भाजपा में शामिल हुए हैं वे दिल्ली गए थे और केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी। तनावड़ से दिगंबर कामत के बारे में भी सवाल किया गया। दरअसल 2005 में दिगंबर कामत के पार्टी छोड़ने की वजह से ही मनोहर पर्रिकर की सरकार गिर गई थी। उन्होंने कहा, यह मेरे राजनीतिक जीवन का सबसे दर्दनाक एपिसोड है। मैं भी कामत के धोखे का शिकार हुआ था। 

उन्होंने कहा, मैं तब पर्रिकर सरकार में विधायक था। लेकिन अब यह सब इतिहास हो गया है। अब पार्टी ने उन्हें अगर जगह दी है तो  हम स्वीकार करते हैं। तनावड़े ने कहा, अगर मेरे पास इस बात का प्रस्ताव लाया गया होता तो मैं इनकार कर देता। लेकिन मुझसे कोई सलाह नहीं की गई। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हम एक राष्ट्रीय पार्टी के सदस्य हैं और अगर हमें केंद्रीय नेतृत्व कुछ करने को कहता है तो हम उसे सुनते हैं और करते हैं। अगर आपसे कुछ करने के लिए कहा जाता है तो आपकी सहमति और असहमति मायने नहीं रखती। 

तनावड़े ने कहा, पहले कांग्रेस के ये विधायक जुलाई में अषाढ़ी एकादशी के मौके पर भाजपा में शामिल होना चाहते थे लेकिन तब नंबर पूरे नहीं हो पाए। उस समय एक केंद्रीय मंत्री भी यहां आए थे। बाद में जब उनमें सहमति बनी तो उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क किया। हमसे कहा गया कि विधायकों को पार्टी में शामिल करना है और फिर ऐसा ही किया गया। 

जब 12 साल में गोवा में बने 13 मुख्यमंत्री
बता दें कि एक तरफ जब राहुल गांधी 3500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं तभी गोवा में उनकी पार्टी टूट गई है। यहां कांग्रेस के कुल 11 विधायक थे जिनमें से अब केवल 3 ही बचे हैं। पूर्व सीएम दिगंबर कामत और माइकल लोबो भी भाजपा में चले गए हैं। अब 40 विधानसभा सीटों वाले राज्य में भाजपा के पास 21 सीटें ही थीं। गोवा में दल बदल के रेकॉर्ड बन चुके हैं। 1989 से 2000 के बीच 12 साल के अंदर इसी के चलते गोवा को 13 मुख्यमंत्री मिले थे।

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