नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के बराबर उत्पादकता से जुड़े बोनस के भुगतान को मंजूरी दे दी है। रेलवे में उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले सभी नॉन गजटेड रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) को कवर करता है।
आपको बता दें कि इस बोनस का ऐलान कुछ दिनों पहले ही हुआ था लेकिन कैबिनेट की मंजूरी बुधवार को मिली है। अब इस नए फैसले से करीब 12 लाख नॉन गजटेड रेलवे कर्मचारियों को फायदा होने की संभावना है। वहीं, सरकार पर 1832 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
7000 रुपये तक पर गणना: पात्र कर्मचारियों को बोनस के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है। पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है।
तेल कंपनियों को राहत: वहीं, एलपीजी रसोई गैस के लिए राज्य द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों को एकमुश्त मुआवजे को मंजूरी दी गई है। वित्त मंत्रालय 22,000 करोड़ रुपये नकद भुगतान पर सहमत हो गया है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प (HPCL) मिलकर भारत के 90 प्रतिशत से अधिक पेट्रोलियम ईंधन की आपूर्ति करते हैं।
इस कंपनियों को तिमाही आधार पर तगड़ा नुकसान हुआ है। इन तीन सरकारी तेल कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जून) की पहली तिमाही में पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी पर मार्केटिंग मार्जिन में गिरावट के कारण 18,480 करोड़ रुपये का संयुक्त घाटा दर्ज किया था। इसी के बाद मुआवजे की मांग हो रही थी।