भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार राज्य में एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इन दिनों शिक्षा से संबंधित दो मामले चर्चा में हैं। जबलपुर में शिक्षा माफ़ियों का भंडाफोड़ हुआ। 11 प्राइवेट स्कूलों द्वारा छात्रों को 81.30 करोड़ रुपये अधिक वसूली गई फीस के रूप में वापस की गई है। वहीं ग्वालियर में नर्सिंग कॉलेजों में बड़ी धांधली सामने आई है। सीएम मोहन यादव ने इन दोनों मामलों को लेकर बड़ा बयान दिया है।
अवैध फीस वसूली पर सीएम ने कहा-
निजी स्कूलों द्वारा अवैध फीस वसूली को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, “प्राइवेट स्कूल फीस, यूनिफॉर्म और किताबों के लिए यदि अलग से राशि लेंगे तो हमारी सरकार को यह बर्दास्त नहीं करेगी। यह किसी भी तरह से उचित नहीं है। गलती पाने पर शासन सख्त कार्रवाई करेगी। यह केवल जबलपुर में ही नहीं पूरे प्रदेश में ऐसी कार्रवाई की जाएगी। जहां भी ऐसे मामले आएंगे, हर जगह सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
बुक स्कैम में 20 लोग गिरफ्तार, 11 स्कूलों ने लौटायी अतिरिक्त फीस
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ जबलपुर में प्रशासन का सख्त एक्शन सामने आया है। बुक स्कैम को लेकर पुलिस ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं 11 स्कूलों को जुर्माना लगाया है। साथ ही इन स्कूलों द्वारा 21 हजार बच्चों को अतिरिक्त फीस भी लौटाया गया है। इन स्कूलों ने अवैध तरीके से करीब 81.30 करोड़ रुपये अतिरिक्त फीस वसूली की थी। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निजी स्कूलों, पब्लिशर्स और बुक सेलर्स के खेल का पर्दाफाश किया है।
नर्सिंग घोटाले पर भी शासन की नजर
नर्सिंग घोटाला मामले में भी सरकार का एक्शन सामने आया है। प्रदेश के 31 जिलों के 66 अनफ़िट नर्सिंग कॉलेजों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। हालांकि पुराने छात्रों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। सीबीआई की विजिलेन्स टीम जांच में जुटी है। दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का फैसला भी सरकार ने लिया है।
इस मामले में सीएम ने कहा, “सीबीएसई इस मामले में फिलहाल जांच कर रही है। जो कुछ गलतियाँ थी हम उसपर कार्रवाई करते जा रहे हैं। हमारी सरकारी यानि पीएम मोदी की सरकार सुशासन को महत्व देती है। हमने यही सीखा है। जिस भी जगह गलतियाँ आती सरकार उसमें दखल देती है और कार्रवाई करती है।”