भारत सरकार ने लॉन्च किया नई विदेश व्यापार नीति, रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण पर होगा फोकस, जानें किन सेक्टरों को मिलेगा फायदा…

नई दिल्ली भारत सरकार की ओर से शुक्रवार को नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 लॉन्च कर दी गई है। इस पॉलिसी का इंतजार भारत में लंबे समय से किया जा रहा था, क्योंकि कोरोना के कारण इसे आने में करीब तीन साल की देरी हो गई है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विदेश व्यापार नीति 2023-28 को लॉन्च किया। इस पॉलिसी का लक्ष्य भारत के निर्यात को 2030 तक दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।

रुपये में व्यापार पर होगा फोकस

इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस पॉलिसी का फोकस रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाना है और नई एफटीपी एक अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगी। वहीं, विदेश व्यापार महानिदेशालय संतोष सारंगी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में भारत का कुल निर्यात 2021-22 में 676 अरब डॉलर के मुकाबले 760 अरब डॉलर को पार करने का अनुमान है।

76,500 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट संभव

डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड के मुताबिक, FY23 में 76500 करोड़ डॉलर का एक्सपोर्ट संभव है। ये पॉलिसी कल से लागू हो जाएगी. वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण एक्सपोर्ट चुनौतीपूर्ण रहेगा। वहीं जरूरत के मुताबिक फॉरेन ट्रेड पॉलिसी में बदलाव किए जाएंगे. फॉरेन ट्रेड पॉलिसी तय समय सीमा के लिए नहीं होगी। DGFT के मुताबिक, इंडस्ट्री से मिले फीडबैक, जरूरतों के आधार पर FTP में बदलाव होंगे।कैपिटल गुड्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन प्लान जारी रहेगा। इसके अलावा एक्सपोर्ट एक्सीलेंस लिस्ट में 4 नए शहर जोड़े गए हैं। ट्रेड पॉलिसी का फायदा ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को भी मिलेगा।

ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट $20000-30000 करोड़ संभव

DGFT के मुताबिक, 2030 तक ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट $20000-30000 करोड़ संभव है। सरकार एक्सपोर्ट मामले निपटाने के लिए एमनेस्टी स्कीम लेकर आएगी। एमनेस्टी स्कीम की सुविधा सितंबर 2023 तक मिलेगी। 2030 तक मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट $1 Lk Cr और सर्विस एक्सपोर्ट $1 Lk Cr होने की उम्मीद है।

कॉमर्स सचिव ने दी ये जानकारी

फॉरेन ट्रेड पालिसी में कोई सनसेट क्लॉज नहीं है. एक्सपोर्ट एक्सीलेंस शहरों की सूची में फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी को शामिल किया गया है। रुपए को ग्लोबल करेंसी बनाने का लक्ष्य है और रुपए में ट्रेड सेटलमेंट को सरकार ने मंजूरी दे दी है। 2 लाख करोड़ डॉलर के एक्सपोर्ट लक्ष्य को 2030 से पहले हासिल कर लेने का लक्ष्य है और डॉलर की कमी वाले देशों के साथ रुपए में ट्रेड करने पर विचार किया जा रहा है।

अमृत काल के रोडमैप पर फोकस

साल 2020 के बाद अब नई फॉरेन ट्रेड पॉलिसी (FTP) को लाया गया है। इस पॉलिसी में अमृतकाल काल का रोडमैप है और अगले 5 साल के लिए ये पॉलिसी होगी। इसके अलावा इस पॉलिसी के जरिए एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा मिलने वाला है। वहीं ODOP के लिए विशेष प्रयोजन किया जाएगा। इसके अलावा ई कॉमर्स, नए एक्सपोर्ट हब तैयार किए जाएंगे।

यह है नई विदेश व्यापार नीति में खास

पिछली पंचवर्षीय विदेशी व्यापार नीति की तरह इसके समाप्त होने की तिथि तय नहीं है। डीजीएफटी की ओर से इसे लेकर कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी, इसमें बदलाव किए जाएंगे। पिछली विदेश व्यापार नीति 1 अप्रैल, 2015 को लागू की गई थी और इसके समाप्त होने की तिथि 2020 थी, लेकिन कोरोना वायरस आने के कारण सितंबर 2022 में इसे 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया।

इन सेक्टरों को मिलेगा फायदा

नई विदेशी व्यापार नीति में बताया गया है कि ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक 200 से लेकर 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। साथ ही इस दौरान कूरियर सेवा के माध्यम से होने वाला निर्यात 5 लाख रुपये से बढ़कर 10 लाख रुपये प्रति खेप हो सकता है।

डीजीएफटी ने आगे कहा कि नई विदेश व्यापार नीति 2023 उभरते व्यापार परिदृश्य के लिए गतिशील और उत्तरदायी है। कॉमर्स विभाग को ‘फ्यूचर रेडी’ बनाने के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है।

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