उज्जैन। शहर का विकास करने के लिए मास्टर प्लान 2035 के तहत नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने लाइन सुनवाई के जरिए आपत्तियों को सुना। ऑनलाइन मीटिंग में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सांवरा खेड़ी, जीवन खेड़ी और दाऊद खेड़ी को आवासीय क्षेत्र की जगह सिंहस्थ क्षेत्र के रूप में आरक्षित करने के साथ शिप्रा नदी के दोनों किनारों पर 300 मीटर ग्रीन बेल्ट बनाने का प्रस्ताव रखा है।
ऑनलाइन सुनवाई में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नीलगंगा कार्यालय पर स्थानीय साधु संत और पार्षद सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे। इससे पहले इससे पहले मास्टर प्लान 2035 में संशोधन के लिए आपत्तियां मंगाए जाने पर कुल 26 आपत्तियां प्राप्त हुई थी। इन्हीं आपत्तियों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सिंहस्थ क्षेत्र को लेकर जो आपत्तियां आई हैं उन पर प्रशासन को विचार करने की राय दी गई है। इसके अलावा अखाड़ा परिषद की ओर से अपने वकील को इंदौर बेंच में एक याचिका लगाने के लिए दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है। इस ऑनलाइन सुनवाई के दौरान विधायक महेश परमार, सत्यनारायण चौहान, पार्षद रवि राय सहित अन्य लोग भी दिखाई दिए।
मास्टर प्लान 2035 को लागू करने से पहले नगरीय प्रशासन और आवास विभाग चाहता है कि नागरिक अपने दावे और आपत्तियां बता दें। महीनों पहले यह देखा जा रहा था कि जब सिंहस्थ क्षेत्र से मकानों को प्रशासन हटा रहा था तब 15 सौ से अधिक लोगों ने कलेक्टर कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराई थी। आपत्तियों में लोगों ने शिप्रा के किनारों को ग्रीन बेल्ट एरिया बनाने का सुझाव दिया था।