ग्वालियर : सरकार का आदेश हवा में, स्कूल से नहीं तो दुकानों से बेचीं जा रही स्कूल का नाम लिखी किताबें-कॉपी, जांच टीम ने एक दुकान सील की…

भोपाल : किताबें कॉपियां, ड्रेस आदि बेचने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेशों का भी कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है, स्कूल संचालक दुकानदार से सांठगांठ कर बेख़ौफ़ और महँगी कीमत पर स्टेशनरी बेच रहे हैं, कलेक्टर द्वारा बनाई गई एक संयुक्त टीम ने जब शहर के दुकानों का निरीक्षण किया तो उनके सामने ये हकीकत आई, जाँच टीम अब इसकी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंपेगी।

निजी स्कूलों के लिए ये है सरकारी आदेश 

सरकार के आदेश के बाद ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह ने भी एक अलग आदेश जिले में प्राइवेट संचालित स्कूलों के लिए आदेश निकाला था कि कोई भी स्कूल अपने यहाँ कॉपी किताबें नहीं बेच सकता साथ ही वो किसी खास दुकान का नाम भी परिजन को नहीं बताएगा, वो अपने स्कूल के नोटिस बोर्ड पर ड्रेस का सेम्पल और सिलेबस (किताबों-कॉपी) की लिस्ट लगाएगा जिससे परिजन खुले बाजार से उसे खरीद सकेंगे।

स्कूल संचालक दुकानदारों से सांठ गांठ कर मार्केट में बिकवा रहे प्रिंटेड स्टेशनरी 

आदेश का कितना असर हुआ ये पिछले दिनों हुई जाँच में सामने आ गया, दरअसल कलेक्टर के पास शिकायत पहुंची थी कि स्कूल संचालक दुकानदारों के माध्यम से स्कूल कॉपी-किताबों के सेट बनवाकर बिकवा रहे है जिसपर स्कूल का नाम भी लिखा हुआ है, गुरुवार को एसडीएम के नेतृत्व में जिला प्रशासन, जीएसटी विभाग और शिक्षा विभाग की टीम शहर में निकली और किताबें कॉपी बेचने वाली दुकानों पर छापे मारे।

जाँच टीम को दुकानों पर मिले स्कूलों के नामा के सेट, महंगी कीमत पर बिक्री 

टीम के अलग अलग दल लश्कर, ग्वालियर और मुरार में दुकानों पर पहुंची और जाँच की , टीमों ने जब दुकानों के अन्दर देखा तो उन्हें समझते देर नहीं लगी कि स्कूल अपने यहाँ से नहीं तो इन दुकानों से अपनी किताबें कॉपी ड्रेस बिकवा रहें है, उन्हें इन दुकानों बाकायदा स्कूल का नाम प्रिंट की हुई किताब- कॉपी के सेट बने मिले, इतना ही नहीं ये निर्धारित कीमत से कहीं ऊँची कीमत पर बिकते हुए मिले, टीम ने निरीक्षण के दौरान एक दुकान को सील भी कर दिया।

इन दुकानों पर संयुक्त टीम ने लिए एक्शन 

  • कृष्णा इंटरप्राइजेज, पाटनकर बाजार पर निजी स्कूलों व प्रकाशकों की किताबें बहुत महंगी कीमत पर किताबें बिक रहीं थीं, यहाँ ज्यदातर किताबें कार्मेल कांवेंट की थीं।
  • न्यू भारतीय बुक डिपो, पाटनकर बाजार पर भी निजी स्कूलों व प्रकाशकों की किताबें महंगी कीमत पर बिकती मिलीं।
  • कंपू तिराहे पर स्थित मार्डन स्टोर नामक दुकान पर सेंट टेरेसा स्कूल की किताबें बिकती मिलीं और यहाँ  ड्रेस भी बेची जा रही थी जी पर स्कूल का नाम भी प्रिंट था।
  • लोहिया बाजार में संचालित सेकरेड पब्लिकेशन ने तो स्कूल वार सेट बनाकर रखे थे, पूछताछ में दुकान संचालक ने टीम को बताया कि ऐसा  स्कूलों की ओर से कहा गया था, यहाँ भी महंगी कीमत पर कॉपी किताबें बेची जा रहीं थीं, टीम ने इस  दुकान को सील कर दिया।
  • दर्पण कॉलोनी में आदर्श स्टेशनरी पर पहुंची टीम को वेंडी स्कूल, डीपीएस, सिल्वर बेल्स सहित कई एनी स्कूलों की किताबों के सेट मिले।  टीम को दुकान पर पेरेंट्स भी मिले जिन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल ने आदर्श स्टेशनरी से ही कॉपी किताब लेने के लिए कहा है।
  • सेंट पाल स्कूल मुरार के सामने बापू स्टेशनरी पर सेंट जोसेफ, सेंट पॉल, डेफोडिल स्कूल,  नेशनल स्कूल आदि की किताबें, कॉपी,  ड्रेस सब बेख़ौफ़ बेचा जा रहा था। यहाँ मिले पेरेंट्स ने बताया कि स्कूल के व्हाट्स एप  ग्रुप में इस दुकान से ही कॉपी, किताब, ड्रेस लेने के लिए कहा गया है।
  • प्रशासन की टीम को साईं बुक स्टेशनरी, विनय नगर में अभ्युदय स्कूल और ग्रीन वुड स्कूल की किताबें बेची जाती मिलीं।
  • चतुर्वेदी बुक स्टेशनरी, शब्दप्रताप आश्रम पर सेंट जॉन्स, जेके पब्लिक सहित दस लगभग स्कूलों की किताबें बेचीं जा रहीं थीं।
  • राजपूत बुक स्टेशनरी, हजीरा पर सेन्ट्रल स्कूल और सेंट जॉन्स स्कूल की किताबें बिकती मिलीं।

जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाया, की जा सकती है शिकायत 

जाँच टीम अब ये रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को सौंपेगी,  उधर एक जिला स्तरीय समिति भी बनी है जो कलेक्टर द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर स्कूलों की जाँच करेगी और रिपोर्ट सौंपेंगी,  कलेक्टर के निर्देश पर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसमें जहाँ स्कूलों से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत की जा सकती है।

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