अलीगढ़ : यूपी के अलीगढ़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने स्वास्थ्य विभाग ही नहीं पूरे जिले की नींद उड़ाकर रख दी है। स्वास्थ्य विभाग की एक लापरवाही 120 बच्चों बच्चों की जिंदगी पर भारी पड़ गई। दरअसल अलीगढ़ छर्रा और दादों क्षेत्र में शुक्रवार को डीपीटी और डीटी का टीका लगने स्कूल पहुंची थी। चलते स्कूल के अंदर टीम घुस गई और बच्चों का वैक्सीनेशन कर दिया। वैक्सीनेशन की जानकारी न तो स्वास्थ्य विभाग ने घर वालों को दी और न ही शिक्षा विभाग ने।
वैक्सीनेशन के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया। कुछ देर बाद करीब 50 से ज्यादा बच्चों की हालत बिगड़ गई। इनमें से 39 बच्चों की हालत ज्यादा खराब हुई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि बच्चों का स्थिति नॉर्मल एक बच्चों को 100 डिग्री बुखार है। परिजन इससे घबराएं नहीं यह टीके का लक्षण है।
पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के 26 सितंबर से डीपीटी और डीटी (डिपथीरिया कन्टेनिंग वैक्सीन) टीका लगाए जाने का अभियान शुरू किया गया है। यह यह अभियान अभियान 15 अक्टूबर तक चलाया जाना है। जिसके तहत शुक्रवार को छर्रा और दादों प्राथमिक विद्यालयों से बुलाकर टीकाकरण किया गया। दादों क्षेत्र में ग्राम पंचायत नाह के नगला के करीब 120 बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के दौरान छर्रा अस्पताल की टीम ने जाकर वैक्सीन लगाई। उसके बारे में न तो घर वालों को बताया गया और न ही एहतियातन कोई दवा गोली दी गई।
टीका लगवाने के बाद सभी छात्रों की छुट्टी कर घर भेज दिया गया। दोपहर करीब 2.30 बजे गांव 120 छात्रों का स्वास्थ्य बिगड़ गया। उल्टी बुखार, अकड़न जैसी समस्या आने लगी। जिसके बाद घर घर चारपाई पर बच्चे बीमार पड़ गए। उसके बाद परिजनों ने अस्पताल की ओर दौड़ लगा दी। जिसके बाद सीएचसी पर हड़कंप मच गया। सीएचसी छर्रा पर 39 बच्चों को भर्ती कराया गया।
खंड शिक्षा अधिकारी भी मौके पर पहुंचे
120 बच्चों को प्राथमिक विद्यालय से बुलाकर टीकाकरण करने के बाद बिगड़ी स्थिति बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी सकते में आ गए। जानकारी मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे और बच्चों की हालत जानी। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों की स्थिति सामान्य है। एक बच्चे को बुखार है। सभी बच्चों को खाने पीने की चीजें दी गई है। घबराने वाली कोई बात नहीं है।
परिजनों को नहीं दी टीके की जानकारी, जिम्मेदार कौन?
पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए चल अभियान के तहत लक्ष्य पूरा करने में जल्दीबाजी दिखाई दे रही है। टीका लगाने से पहले और उसके बाद परिजनों को जानकारी देना चाहिए था। जो कि न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किया गया और न ही बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों और अधिकारियों द्वारा किया गया। अनजान की स्थिति में स्कूल पढ़ने वाले बच्चों के बीमार होते ही परिजन घबरा गए और अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। यह लापरवाही किस विभाग के हिस्से जाएगी। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
अलीगढ़ सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी का कहना है कि 39 बच्चों को सीएचसी छर्रा पर भर्ती कराया गया है। सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है। टीका लगने के बाद उल्टी, बुखार, सूज और दर्द के लक्षण उभर कर आते हैं। कुछ ही घंटे में स्थिति सामान्य हो जाती है।