भोपाल : मध्य प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा की जा रही हड़ताल का मामला अब न्यायालय की दहलीज़ पर पहुंच गया है। जबलपुर हाईकोर्ट में इस हड़ताल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच ने हड़ताल को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “हड़ताल का यह तरीका कतई ठीक नहीं है।
अगर किसी की जान निकल रही होगी तो क्या आप कहेंगे कि दो दिन बाद दवाई देंगे?” कोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने की सलाह दी है और मामले की अगली सुनवाई आधे घंटे बाद निर्धारित की गई है।
दरअसल अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि चिकित्सा सेवा एक अत्यावश्यक सेवा (Essential Service) है, जिसे किसी भी स्थिति में बाधित नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हड़ताल का तरीका सही नहीं है और इससे मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों के इस कदम पर अदालत ने नाराज़गी जताते हुए इसे अनुचित करार दिया।