जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में बड़ा आदेश सुनाते हुए मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजु को तत्काल निलंबित करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए है साथ ही हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के काम को संभालने के लिए प्रशासक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट के अगले आदेश तक प्रशासक ही कार्यभार को संभालेंगे। हाई कोर्ट ने दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
मध्य प्रदेश में खुले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल ने जनहित याचिका लगाई थी जिस पर आज चीफ जस्टिस एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान नर्सिंग काउंसिल की ओर से शपथ पत्र पेश करके कोर्ट को यह बताया गया था कि विगत वर्ष खुले हुए 94 नर्सिंग कॉलेजों को इस वर्ष की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अलावा 93 नर्सिंग कॉलेजों को भवन संबंधी नोटिस का जवाब ना देने के कारण मान्यता को निलंबित किया गया है। इसके अलावा 2021-22 में मध्य प्रदेश में नए 49 नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं जिनका पर्याप्त मात्रा में निरीक्षण एवं सत्यापन करने के उपरांत ही अनुमति जारी की गई।
याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट में एक आवेदन पेश किया तथा वर्ष 2022 में खोले गए 10 नर्सिंग कॉलेजों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि किस प्रकार नर्सिंग कॉलेज एक शटर वाले भवन में और डुप्लीकेट फैकल्टी के साथ खोले गए हैं। कोर्ट ने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों को गंभीरता से लेते हुए यह कार्यवाही की है तथा इस मामले में जवाब देने के लिए 2 हफ्तों का समय दिया है।
हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार सुनीता सिजु को तत्काल निलंबित करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए है साथ ही हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के काम को संभालने के लिए प्रशासक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट के अगले आदेश तक प्रशासक ही कार्यभार को संभालेंगे।