भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक बयान पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। भाजपा कमलनाथ के बयान पर आक्रमक नजर आ रही है। मंगलवार को कमलनाथ से जब सदन में शामिल नहीं होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बकवास सुनने नहीं जा सकते। और अब इसी बयान पर नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधते हुए कहा कि यह बयान देकर उन्होंने प्रजातंत्र पर उंगली उठाई है।
दरअसल इसे लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ अगर मानते हैं कि सदन में उनकी आवश्यकता नहीं है तो उनको विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। कमलनाथ का लोकतंत्र के मंदिर के प्रति लगातार व्यंग्य और कटाक्ष करना चिंता का विषय बनता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सदन में भाषण को बकवास कहते है तो इससे समझ में आता है कि वह मुंह चलाने में विश्वास करते हैं। सदन में अगर कमलनाथ की आवश्यकता नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र के मंदिर के प्रति ऐसे शब्दों का प्रयोग करना चिंताजनक होता है।
नरोत्तम मिश्रा के अलावा भाजपा के दूसरे नेता भी कमलनाथ के बयान पर हमलावर है। भाजपा नेता ने कहा कि कमलनाथ ने यह बयान देकर विधानसभा का अपमान किया है। इसलिए भाजपा की मांग है कि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए। क्योंकि विधानसभा में सीएम का बयान संवैधानिक होता है और ये कमलनाथ की नफरत और छल है जो बार बार सामने आ रहा है।
बता दें कि 13 सितंबर यानी मंगलवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है। लेकिन कमलनाथ कल आगर जिले के दौरे पर पहुंचे और सत्र के पहले दिन शामिल नहीं हुए। इस दौरान जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं शिवराज की बकवास सुनने सदन में नहीं जाता हूं। उनके इसी बयान पर भाजपा नाराज हो गई है।