भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ घटनाक्रम इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, दरअसल गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के मौके पर इंदौर में धार्मिक आयोजन में कीर्तन करने आए रागी मनप्रीत सिंह कानपुरी उस वक़्त जमकर नाराज हो गए जब इस आयोजन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस नेताओं का सम्मान किया जाने लगा, धार्मिक कार्यक्रम में इस तरह सम्मान किए जाने से रागी मनप्रीत सिंह कानपुरी ने आयोजकों को टेढ़े हाथ लेते हुए यह तक कह दिया कि वह अब कभी दुबारा इंदौर नहीं आयेगें, इस घटनाक्रम ने न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे विश्व के सिख समाज में जमकर सुर्खियां बटोरी, अब मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पूरे मामलें पर अफसोस जताते हुए रागी मनप्रीत सिंह कानपुरी से गुरुवार को फोन पर बात की और उनसे निवेदन किया।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रागी मनप्रीत सिंह कानपुरी से आग्रह किया है, उन्होंने कहा कि “इंदौर का प्रभारी मंत्री होने के नाते मुझे खालसा कॉलेज मे हुए घटनाक्रम को लेकर दुख हुआ है। लेकिन चंद लोगों की गलती वजह से यह मध्यप्रदेश और इंदौर आपकी वाणी से वंचित क्यों रहे।” मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मनजीत सिह कानपुरी से अपनी इंदौर ना आने की कसम वापस लेने का आग्रह किया। फोन पर हुई बातचीत में रागी मनजीत सिंह कानपुरी ने कहा कि इंदौर धार्मिक आयोजन में शामिल होने आए थे लेकिन जिस तरह से वहाँ वाक्या पेश आया उससे वह बेहद व्यथित है और उसी के चलते उन्होंने कीर्तन के लिए बनाए गए गए मंच से ही फिर कभी दुबारा इंदौर न आने की घोषणा कर दी थी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से बातचीत के दौरान रागी मनप्रीत सिंह कानपुरी ने कहा कि उन्होंने गुरूगोविंद सिंह जी को हाजिर नाजीर मानकर यह कसम खाई थी और अब वे इस कसम को बिना हुक्म के तोड़ नहीं सकते है, उन्हे अब सिख धर्म के नियमों के अनुरूप यदि आज्ञा मिलेगी तो वे जरूर आएंगे, मनजीत सिंह ने कहा कि यह शपथ अब जब तक वाहेगुरू का आदेश नही होगा तब तक वह नही तोड़ेंगे। जब तक आयोजक संगत के सामने माफी नही मांगेंगे और अकाल तख्त से पंज प्यारे उन्हें कसम तोड़ने का आग्रह नही करेंगे तब तक वह अपनी कसम नही तोड़ेंगे।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मेरी कीर्तनकार आदरणीय मनप्रीत सिंह कानपुरी जी से बात हुई है। इंदौर के खालसा कॉलेज में हुए घटनाक्रम को लेकर उन्होंने इंदौर ना आने की जो कसम खाई है, मैंने उन से निवेदन किया है कि कुछ लोगों की गलती की वजह से मध्यप्रदेश और इंदौर उनकी ज्ञानवाणी से वंचित नहीं रहना चाहिए। कानपुरी जी ने भी मुझे बताया कि उस दिन के घटनाक्रम के कारण वे बेहद आहत थे और उन्होंने दुखी अंतरात्मा से यह कदम उठाया।उन्होने यह भी बताया कि सिख धर्म में कसम लेने के बाद एक निश्चित प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद ही उसे विस्मित किया जा सकता है। मुझे पूरा विश्वास है कानपुरी जी के ज्ञानवाणी का लाभ इंदौर और मध्यप्रदेश को एक बार फिर मिल सकेगा।