चंबा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर हैं। पीएम मोदी बद्रीनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद भारत-चीन सीमा सटे माणा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने माणा गांव में जनसभा को संबोधित किया। यहां पीएम मोदी ने कहा कि माणा गांव भारत के अंतिम गांव के रूप में जाना जाता है। अब मेरे लिए देश की सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की सीमा पर बसे ये गांव हमारे देश के सशक्त प्रहरी हैं। साथ ही उन्होंने यात्रियों से अपील भी की।
पीएम मोदी की जनता से अपील
पीएम मोदी ने आगे कहा, मैं सभी 130 करोड़ देशवासियों को हिंदुस्तान के उस गांव से बता रहा हूं जो चीन के सीमा पर रखवाली करने वाले इस गांव से बोल रहा हूं। आप किसी भी जगह जाएं। मैं देश के सभी पर्यटकों से अपील करता हूं कि वे अपने यात्रा बजट का कम से कम 5% स्थानीय उत्पादों को खरीदने पर खर्च करें। पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘जैसे मैं लोकल फॉर वोकल के लिए प्रार्थन करता हूं आज एक और प्रार्थना करता हूं आप जितना खर्च करते हैं। उसमें से कम से कम पांच फीसदी उस इलाके में जो कुछ भी स्थानीय उत्पाद है। उसको जरूर खरीदीए। आपके घर में है तो दूसरा ले जाइए, किसी को भेंट कर दीजिए। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी बढ़ जाएगी। अगर सब यात्रा, जहां जाएं वहां से 5 पर्सेंट का बजट जोड़ दीजिए। आपको संतोष होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप बच्चों को बताएंगे कि जब हम उत्तराखंड गए थे, यह जो तस्वीर है ना 20 रुपए की थी। वहां की एक बूढ़ी मां बना रही थी। पहाड़ के लोगों की पहली पहचान यही होती है कि वे बहुत मेहनती होते हैं। वे प्रकृति के प्रति शिकायत नहीं करते हैं। संकटों के बीच जीना सीख लेते हैं। पहले की सरकारों के समय पहाड़ों के लोगों के समार्थ्य को उनके खिलाफ ही इस्तेमाल किया गया। सरकारें उपेक्षा करती रहीं।
पीएम मोदी का विपक्ष पर निशाना
साथ ही उन्होंने नाम न लेते हुए विपक्षि पार्टियों पर निशाना साधा। कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रख है कि कुछ लोगों को विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। पहले देश में अपनी संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब काशी उज्जैन अयोध्या ऐसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों के सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। लेकिन आज सीमांत के लोग संतोष में हैं।