रांची : झारखंड के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। विधानसभा से ओबीसी आरक्षण और स्थानीयता बिल पास हो गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों विधेयकों को सदन में पेश किया था। विधानसभा का 1 दिवसीय विशेष काफी हंगामेदार भी रहा। बीजेपी विधायक भानुप्रताप शाही इस दौरान सरकार पर खासे आक्रामक रहे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी विपक्ष के हमलों पर पलटवार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग मुझे केंद्रीय एजेंसियों और जेल का डर दिखाते हैं लेकिन मैं जेल में रहते हुए भी विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दूंगा। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी बोका (बेवकूफ) नहीं रहा। जाग गया है। अपने अधिकारों को जानता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों से नहीं डरती।
बीजेपी पर लगाया षड्यंत्र करने का आरोप
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आप लोगों को जितना भी षड्यंत्र करना है करिए। मेरे पिताजी ने झारखंड राज्य के लिए लड़ाई लड़ी। अलग राज्य हासिल किया। आज उनका बेटा राज्य को स्थानीय नीति की पहचान दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन बहुत शुभ है। पिछले साल इसी तारीख को सरना धर्म कोड पारित हुआ था। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि आज का दिन ना केवल शुभ है बल्कि ऐतिहासिक भी है। 11 नवंबर 1908 को ही छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) एक्ट लागू हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जो भी करती है वो शीशे की तरह पारदर्शी है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम आपकी तरह जनता को ठगते नहीं हैं।
सीएम हेमंत ने पीएम पर भी साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी पर सामंती सोच का होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री फोन पर धमकाते हुए। दरअसल, मुख्यमंत्री उस फोन कॉल का उदाहरण दे रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी को अपना नामांकन वापस लेने को कह रहे थे। मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग हत्यारों और बलात्कारियों का माला पहनाकर स्वागत करते हैं। ये कहां से देश में सामाजिक समरसता लाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आदिवासी नेता का अच्छा काम करना इनको नहीं सुहाता है। उन्होंने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सहित बीजेपी के भी दो शीर्ष नेताओं का नाम लेते हुए बीजेपी पर इन्हें बर्बाद करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी उस पार्टी में अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। अर्जुन मुंडा को सफाई से किनारे लगा दिया गया। मधु कोड़ा को बर्बाद कर दिया।
विधानसभा से पास हुआ 2 महत्वपूर्ण बिल
गौरतलब है कि आज झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सरकार ने ओबीसी आरक्षण बिल और 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता विधेयक को पास करा लिया। झारखंड में अब ओबीसी आरक्षण की सीमा 14 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी हो गई है। स्थानीयता बिल के मुताबिक वही लोग झारखंड के मूल निवासी कहे जाएंगे जिनका या जिनके पूर्वजों का नाम 1932 अथवा उसके पहले के खतियान में दर्ज होगा। जिनका नाम नहीं होगा उनकी स्थानीयता की पहचान ग्राम सभा करेगी। ये सामाजिक-सांस्कृतिक आधार पर होगा।