जबलपुर : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक बार फिर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हित में अहम फैसला सुनाया है। जबलपुर हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छठवें वेतनमान से पेंशन का लाभ देने के निर्देश दिए हैं।यह फैसला न्यायाधीश नंदिता दुबे की एकल पीठ ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय पेंशनर एसोसिएशन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के विरुद्ध प्रस्तुत की गई याचिका में सुनाया गया है।

न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने विश्वविद्यालय द्वारा 1 जुलाई 2016 और 27 जुलाई, 2016 के उन आदेशों को निरस्त कर दिया जिसमें यह व्यवस्था दी गई कि 1 अप्रैल 2014 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान होगा। वहीं 1 जनवरी 2006 से 31 मार्च 2014 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान होगा। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि पेंशनर एसोसिएशन जबलपुर ने हाई कोर्ट में 2016 में याचिका दायर उक्त आदेश को चुनौती दी थी।
याचिका में बताया गया कि कर्मचारियों को 1 जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन दी जा रही थी, लेकिन 10 साल बाद राज्य शासन व विवि प्रशासन ने पांचवें वेतनमान के आधार पर पेंशन देने का प्रविधान कर दिया। इसके लिए विश्वविद्यालय ने मध्य प्रदेश सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 1976 को लागू किया गया है। इसके तहत कर्मचारियों को समय-समय पर पुनरीक्षण पे-स्केल का लाभ मिलता रहा है,ऐसे में एक जनवरी 2006 से 31 मार्च 2014 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान होना चाहिए।
सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को राहत देते हुए कगहा कि जो लाभ कर्मचारियों को पहले से दिया जा रहा है, उसे वापस नहीं ले सकते। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए विवि प्रशासन को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता कर्मियों को भी छठवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान करें।