भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े के मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया को बर्खास्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार सरकार ने देर रात इस संबंध में आदेश जारी किया। वहीं जानकारी दे दें कि इससे पहले भी, अन्य तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को भी बर्खास्त किया गया था।
फर्जीवाड़े का खुलासा:
दरअसल मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े का खुलासा उच्च न्यायालय द्वारा गठित टीम और सीबीआई की जांच के बाद हुआ। इन जांचों में पाया गया था कि कई नर्सिंग कॉलेजों को नियमों की अनदेखी कर मान्यता दी गई थी। इन कॉलेजों की अपात्रता की पुष्टि होने के बाद सरकार ने तत्कालीन रजिस्ट्रारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
नियमों की अनदेखी:
जानकारी के अनुसार कुल 10 नर्सिंग महाविद्यालयों को वर्ष 2021-22 में नियम विरुद्ध तरीके से मान्यता दी गई थी। वहीं इनमें से आठ कॉलेजों को तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू ने निरीक्षणकर्ताओं की प्रतिकूल रिपोर्ट के बावजूद मान्यता दी थी। इसके चलते शिजू को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था। शेष दो नर्सिंग महाविद्यालयों, वैष्णवी कॉलेज इंदौर और आरडीएम नर्सिंग कॉलेज उमरिया, को भी बाद में मान्यता निरस्त करनी पड़ी।
अन्य अधिकारी भी होंगे निलंबित:
वहीं उन छह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी सरकार अब कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जिन्होंने मानकों के अनुरूप नहीं होने के बावजूद कॉलेजों की उपयुक्त रिपोर्ट दी थी। इनमें से एक कर्मचारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। चंद्रकला दिगवैया की बर्खास्तगी की पुष्टि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल द्वारा की गई है।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन छह निरीक्षणकर्ताओं के खिलाफ जल्द ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। संबंधित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के डीन द्वारा यह कार्रवाई की जाएगी। इन निरीक्षणकर्ताओं में मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी और स्टाफ नर्स शामिल हैं।