सिवनी में राहुल गांधी ने फिर समझाया आदिवासी और वनवासी का फर्क, बोले- इस देश को सिर्फ 90 अफसर चलाते हैं, इसमें सिर्फ 1 आदिवासी…

भोपाल : इस बार लोकसभा चुनाव में राजनीतक दलों की नजर ओबीसी, दलित के साथ साथ खास तौर पर  आदिवासी वोट बैंक पर है, पार्टियों ने नेता अपनी हर रैली में सिर्फ इन्हीं की बात कर रहे हैं, आज राहुल गांधी मध्य प्रदेश एक सिवनी जिले के धनोरा पहुंचे जहाँ उन्होंने आमसभा को संबोधित करते ही वाही सब पुरानी बातें दोहराई, उन्होंने फिर आदिवासी और वनवासी का फर्क समझाया। राहुल गांधी ने इस दौरान भाजपा, पीएम मोदी, आरएसएस सबको निशाने पर लिया।

हम आपको आदिवासी कहते हैं BJP-RSS के लोग वनवासी : राहुल 

राहुल गांधी ने कहा कि यहाँ आदिवासी वर्ग के बहुत लोग हैं,  कांग्रेस पार्टी आपको ‘आदिवासी’ कहती है और भाजपा , पीएम मोदी और आरएसएस के लोग आपको ‘वनवासी’ कहते हैं। इन शब्दों के पीछे दो आलग अलग विचारधाराएँ हैं, दो अलग-अलग मायने हैं। आदिवासी शब्द का मतलब, वो लोग जो इस देश के इस जमीन के पहले मालिक थे, मतलब  जल-जंगल-जमीन पर, देश के धन पर  आपका पहला आधिकार बनता है। वनवासी शब्द का मतलब वो लोग जो जंगल में रहते हैं। वनवासी शब्द के पीछे एक विचारधारा है आपके इतिहास, आपके जीवन का तरीका को ये शब्द मिटाने की कोशिश करता है , वनवासी  का मतलब आप लोगों का जल-जंगल-जमीन पर कोई आधिकार नहीं है, जबकि आदिवासी देश का पहला मालिक है।

देश को सिर्फ 90 IAS अफसर चलाते हैं, जिनमें सिर्फ 1 अफसर आदिवासी

राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में आदिवासियों की आबादी 8 प्रतिशत है, मैंने आंकड़े निकाले कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कंपनियों में आदिवासी कितने हैं, मैनेजमेंट में आदिवासी कितने हैं केवल 200 बड़ी कम्पनियों की लिस्ट निकालो वहां एक आदिवासी नहीं मिलेगा, मीडिया, एंकर, कॉर्पोरेट कंपनियों के मालिकों की लिस्ट में दिखा वहां आपको एक आदिवासी नहीं मिलेगा। हिंदुस्तान को सिर्फ 90 IAS अफसर चलाते हैं, जिनमें सिर्फ 1 अफसर आदिवासी है। ये देश में आपकी भागीदारी है।

आदिवासी युवा BJP से सवाल करता है तो उसे जेल में डाल देते हैं 

राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों को उनका अधिकार देने के लिए हम पेसा कानून लाए, जमीन अधिग्रहण और ट्राइबल बिल लाए। इंदिरा गांधी जी और कांग्रेस की सरकारों ने आदिवासियों को उनकी जमीन वापस दी और उसका हक आपको दिया। लेकिन BJP को जहां भी मौका मिलता है, आपकी जमीन छीनकर अडानी जैसे अरबपतियों के हवाले कर देती है। वहीं जब आदिवासी युवा BJP से रोजगार और शिक्षा पर सवाल करता है, तो उनको पकड़कर जेल में डाल दिया जाता है।

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