राजनीति के सबसे भ्रष्ट नेताओं से आपको मिलाते हैं

देश में बढ़ते भ्रष्टाचार की इमारत नई नहीं है. इसकी नींव तो 1948 के जीप स्कैंडल में ही पड़ गई थी. जीप स्कैंडल के बाद भी बोफोर्स स्कैंडल और सुखराम का टेलीकॉम घोटाला जैसे कई घोटालों ने शुरूआत में ही दिखा दिया था कि देश में आगे कितने घोटाले होने हैं.
आज आपको ऐसे नेताओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने भ्रष्टाचार में सारी हदें पार कर दी थी।

सुखराम (टेलिकॉम घोटाला 1996):

नरसिंह राव सरकार में 1993 से 1996 तक दूरसंचार मंत्री रहे सुखराम के कार्यकाल में ही देश में लैंडलाइन फोन की उन्नत तकनीक आई. इसी दौरान उन पर देश में टेलिफोन के सामानों की लेन-देन में घोटाला करने का आरोप भी लगा जो बाद में साबित भी हुआ. 1-जी के नाम से जानी जाने वाली उस समय की टेलीफोन सर्विस में सुखराम के फंसने की वजह से सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी.

लालू प्रसाद यादव (चारा घोटाला):

कहते हैं लालू के बिना बिहार की राजनीति को समझ पाना या उसके बारे में लिख पाना नामुमकिन है. ला ग्रेजुएट और बिहार के गोपालगंज में 1948 में एक गरीब परिवार में जन्मे लालू ने राजनीति की शुरूआत जयप्रकाश आन्दोलन से की, तब वे एक छात्र नेता थे. 1990 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. 1995 में भी वह बहुमत से विजयी होकर मुख्यमंत्री तो बन गए पर 1997 में जब सीबीआई ने उनके खिलाफ चारा घोटाला में आरोप पत्र दाखिल किया तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा.

मधु कोड़ा (4,000 करोड़ का घपला):

कभी नव झारखंड के हीरो के रूप में देखे जाने वाले मधु कोड़ा ने 4000 करोड़ का ऐसा घोटाला किया है जिसकी वजह से वह आज देश में भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों के हीरो बन चुके हैं. कहा जा सकता है कि कोड़ा ने चीफ मिनिस्टर के तौर पर अपने कार्यकाल में अपने साथियों के साथ मिलकर हर रोज 3.6 करोड़ का घपला किया.

ए राजा (2 जी घोटाला):

47 वर्षीय राजा राजनैतिक पृष्ठभूमि से तो नहीं थे लेकिन राजनीति में उनकी दिलचस्पी ने उन्हें द्रमुक का चहेता दलित नेता बना दिया. मई, 1963 में जन्मे ए राजा को पढ़ाई करने के लिए घर से बहुत दूर जाना पड़ता था. लेकिन उन्होंने शिक्षा के प्रति अपनी लगन को दर्शा कर कुछ पाने की सोची और वकालत की पढ़ाई पढ़ी. राजा का पूरा नाम आंदिमुथू राजा है और कविता लिखने में निपुणता की वजह से वह करूणानिधि के सबसे चहेते बन गए.

2जी आवंटन में उन्होंने विदेशी कंपनियों से भारी मुनाफा कमाया. इस समय ए. राजा तिहाड़ जेल में हैं. 2 जी घोटाला लगभग 78000 करोड़ रुपए का है.

सुरेश कलमाड़ी(कॉमनवेल्थ घोटाला):

देश में पहले कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में सुरेश कलमाड़ी ने अंधाधुध पैसा बहाया और अपनी तिजोरी भरी. कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान कलमाड़ी आयोजन समिति के चेयरमैन थे. खेल समिति से जुड़े और 2010 में होने वाली कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन समिति के चेयरमैन बने. कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में कलमाड़ी के देखरेख में भारी धांधलेबाजी देखने को आई. टॉयलेट पेपर से लेकर खेल के साजो-समान तक घोटालों से अच्छी खासी रकम बटोरी गई. इस वक्त कमलाड़ी भी तिहाड़ जेल में हैं.