इंदौर : स्वच्छता के मामले में इंदौर शहर लगातार छह बार से देश में नंबर वन है। इंदौर को पहली बार 2017 में देश का नंबर वन स्वच्छ शहर घोषित किया गया था। तब से अब तक लगातार इंदौर नंबर वन पर है। वहीं, अब स्वच्छता वायु सर्वेक्षण में भी शहर फिर नंबर वन बन गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 की जारी रैंकिंग (10 लाख आबादी से ऊपर शहरो) में इंदौर ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छता वायु सर्वेक्षण 2023 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर को प्रथम स्थान मिला है। वहीं, राजधानी भोपाल ने 5वां स्थान हासिल किया है। जबकि जबलपुर ने 13वां और ग्वालियर ने 41 वां स्थान प्राप्त किया है। तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में देवास ने 180 अंकों के साथ देश में छठा स्थान प्राप्त किया है। बीते वर्ष देवास ने 200 में से 175.05 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया था।
200 में से मिले 187 अंक
इंदौर को 200 में से 187 अंक मिले हैं। भोपाल को 181 अंक, जबलपुर को 172 और ग्वालियर को 114 अंक हासिल हुए हैं। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रथम पांच में से तीन पुरस्कार मध्य प्रदेश के खाते में आए हैं।
स्वच्छता वायु सर्वेक्षण में इंदौर ऐसे बना नंबर वन
• सड़कों की मेकेनाइज्ड स्वीपिंग तकनीकी से सफाई जिससे धूल के कण वातावरण में मिलने से रोकने में मदद मिलती है।
• निर्माण एवं विद्यवंश अपशिष्ट का संग्रहण व निपटान एवं परिवहन हेतु सभी वाहनों को तारपोलिन से ढककर ले जाना अनिवार्य किया।
• सभी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ग्रीन नेट से कवर करना अनिवार्य किया।
• पारंपरिक कोयले व लकड़ी से जलने वाले तंदूर पर नियंत्रण कर उनके स्वच्छ/ग्रीन ईंधन से परिवर्तित किया।
• विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम जैसे कि “रेड लाइट on इंजन off” व “भट्टी free मार्केट” का संचालन कर आमजन को वायु प्रदूषण के प्रभावों के प्रति जागृत किया।
• निर्माण सामग्री का परिवहन करने वाले वाहनों को शहर सीमा में रात के समय आवागमन हेतु प्रेरित किया गया।