इंदौर : इंदौर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढते जा रहे हैं। हालांकि, क्राइम ब्रांच त्वरित कार्रवाई कर पीड़ितों को उन्हें उनकी राशि दिलवाई जा रही है। दरअसल, ठगी का शिकार हुए पांच पीड़ितों ने क्राइम ब्रांच को शिकायत की। जिसके बाद पुलिस टीम ने उन्हें करीब 7 लाख रूपए की राशि दिलवाई। बता दें कि पिछले दिनों कई आवेदकों द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत क्राइम ब्रांच को की गई थी। जांच के दौरान प्रापर्टी व्यवसायी चंद्रकांत निवासी महू ने क्राइम ब्रांच को बताया कि अनजान ठग द्वारा कॉल कर कहा, ‘पहचाना… मुझे मेरी आवाज से पहचानो… तुम्हारा बचपन का मित्र बोल रहा हूं…”। इसी का फायदा उठाकर उसने प्रापर्टी कारोबारी के फोन पे वालेट अकाउंट से पेमेंट प्रोसेस करवाते हुए 1 लाख 98 हजार रूपए ट्रांसफर करवाकर ऑनलाइन ठगी की।
इस प्रकार की गई ठगी
वहीं, जीओ कंपनी में इंजीनियर अमरनाथ निवासी इंदौर को ठग द्वारा ICICI बैंक का फर्जी अधिकारी बनकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढाने के नाम से झूठ बोला। जिसके बाद फरियादी के मोबाइल पर बैंक सॉफ्टवेयर बताकर रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करवाया। फिर मोबाइल को रिमाटली एक्सेस कर बैकिंग जानकारी प्राप्त करते हुए आवेदक के क्रेडिट कार्ड से 1 लाख 20 हजार रूपए ठग लिए। इसी तरह सीनियर सिटीजन रघुनंदजी के मोबाइल पर बिजली बिल तत्काल अपडेट करने और बिजली कनेक्शन काटने के संबंध में फर्जी मैसेज भेजा गया। जिसे देखकर पीड़ित ने ठग द्वारा भेजे गए नंबर पर संपर्क किया। फिर ठग व्यक्ति ने आवेदक के मोबाइल पर जेडओ असिस्ट एप्प डाउनलोड कवराते हुए झूठे विश्वास में लेकर बिल अपडेट करने का बोलकर आवेदक के BOB अकाउंट की बैकिंग जानकारी प्राप्त कर क्रेडिट कार्ड खाते से 1 लाख 50 हजार रूपए की ठगी की।
इन लोगों के साथ भी हुआ फ्रॉड
इसके अलावा, व्यापारी राजकुमार ने कपूर, अगरबत्ती, मोमबत्ती आदि के रॉ मटेरियल खरीदने के लिए फेसबुक पर पोस्ट देखा। पोस्ट में दिए गए नंबर पर काल करने के बाद ठग ने सस्ते में मटेरियल देने का झूठा वादा कर झांसे में लेते हुए डील फाइनल की। जिसके बाद आवेदक से 1 लाख 31 हजार रूपए एडवांस पेमेंट मांगा। इधर, आवेदक द्वारा उसे एडवांस पेमेंट करते ही ठग ने मोबइल बंद कर लिया। फिर व्यापारी ने क्राइम ब्रांच को इसकी शिकायत की। इसी प्रकार कारपेंटर चेतन भी ठगी का शिकार हो गए। ठग ने फोन लगाकर उनसे कहा कि पहचाना मुझे और उन्हें उनका बचपन का मित्र बतार उनसे 72 हजार रूपए वसूल लिए।