इंदौर : शासकीय लॉ कॉलेज को लेकर उठा विवाद ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा। इस मामले में प्राचार्य इनामुर रहमान के इस्तीफे के बाद लेखिका डॉ. फरहत खान सहित चार लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी पहले ही इंदौर कमिश्नर को मामले की जांच के आदेश दे चुके हैं। किताब में हिंदू धर्म को लेकर लिखी गई बातों पर एबीवीपी, आरएसएस, वीएचपी सहित छात्र भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
इस मामले में लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रिंसिपल इनामुर रहमान, प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोजिज और अमर लॉ पब्लिकेशन के प्रकाशक के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ नाम की इस किताब की खरीद को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक ये किताब साल 2014 में खरीदी गई थी और उस समय कॉलेजी की प्रिंसिपल डॉ. सुधा सिवालट थीं। बता दें कि डॉ. सुधा सिलावट सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की भाभी हैं। उनके पति डॉ. सुरेश सिलावट होलकर साइंस कॉलेज में प्रिंसिपल हैं और तुलसीराम सिलावट के भाई हैं। उसके प्राचार्य काल में ये किताब बुक बैंक योजना के तहत सिर्फ एससी-एसटी के छात्रों को निशुल्क दी गई थी। खास बात ये कि इस किताब को लेक उठे बवाल के बाद एक जांच कमेटी बनाई गई है और उसमें तत्कालीन प्राचार्या डॉ. सुधा सुरेश सिलावट के डॉ. सुरेश सिलावट पति भी शामिल हैं। इधर मामले के तूल पकड़ने के बाद डॉ. इनामुर रहमान का कहना है कि जिन्होने उस समय ये किताब खरीदी थी और जो बुक सेलर हैं, वही इस बार में बताएं क्योंकि ये उनके कार्यकाल में तो खरीदी नहीं गई है।
बता दें कि शासकीय विधि महाविद्यालय में छह प्रोफेसरों द्वारा संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्यार्थियों को भड़काने का आरोप है। इस मामले में कॉलेजी की लायब्रेरी में विवादित पुस्तक मिली थी जिसकी लेखिका डॉ. फरहत खान है। किताब का शीर्षक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति है और इसमें काफी विवादास्पद बातें लिखी गई हैं। पुस्तक में हिंदू समुदाय को टार्गेट करते हुए ऐसी की बातें लिखी है, जिससे धार्मिक उन्माद फैल सकता है। ये मामला लगातार गरमा रहा है और आज इसे लेकर कॉलेज में बड़े स्तर पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं।