इंदौर : महू घटना में एक नया मोड़ सामने आया है जहां पुलिस ने न केवल मृतक आदिवासी युवती के माता-पिता पर आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया बल्कि घटना में मृतक भेरूलाल आदिवासी के खिलाफ भी 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद युवक कांग्रेस अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने ट्वीट के माध्यम से सरकार से पूछा है यह कहां का इंसाफ है?
विक्रांत भूरिया ने किया ट्वीट
मृतक भेरूलाल और मृतक युवती के माता पिता पर FIR होने के बाद विक्रांत भूरिया ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि “लाड़ली बहना पर FIR ! ये कहां का इंसाफ है, जहां महू में जिस आदिवासी युवती के साथ बलात्कार के बाद हत्या की गई, उसी की “मां” और पिता पर धारा 307 की FIR दर्ज कर दी गई। वहीं भेरूलाल जिसे पुलिस ने गोलियों से मार दिया उसको तक नहीं बख्शा गया व मरने के बाद भी 307 की FIR दर्ज कर दी गई।
इंदौर महू घटना : क्या है पूरा मामला
घटना बुधवार रात की है जब एक आदिवासी युवती की मौत के बाद उसके परिजन इंसाफ की गुहार लगाते हुए शव लेकर पुलिस चौकी पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की। इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर दबंगों की बचाने की बात करते हुए चौकी पर पथराव कर दिया। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले फेंके और हवाई फायर किए। पुलिस और लोगों के इस संघर्ष के बीच भेरूलाल की जान चली गई। इस घटना के बाद भी भूरिया ने सरकार से पुलिस स्टाफ को निलंबित कर धारा 302 लगाने की मांग की थी।
कमलनाथ ने बनाई कमेटी
एमपी पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भी युवक की मौत के बाद एक कमेटी का गठन किया जो इस मामले की पूरी जांच कर रही है। इस कमेटी में कांतिलाल भूरिया, झूमा सोलंकी, पांचीलाल मीणा, और बाला बच्चन को जिम्मेदारी दी गई है।
शिवराज ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। साथ ही उन्होंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए हैं।
इलाके में धारा 144
घटना के बाद बिगड़ते हुए हालात को देखकर इंदौर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने क्षेत्र में धारा 144 लगाने के आदेश पारित किए हैं। इतना ही नहीं अपर कलेक्टर ने मृतक भेरूलाल के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उनके पिता मदनलाल को 10 लाख का चेक भी दिया।