इंदौर : इंदौर में जनवरी के महीने में प्रवासी भारतीय सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने वाली है। इससे पहले ही इंदौर के पीथमपुर में नया औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर सेवन के नाम से घोषित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन्वेस्टमेंट रीजन के तौर पर सरकार और औद्योगिक विकास निगम ने 31000 एकड़ की जमीन की घोषणा कर दी है। पूरी जमीन को उद्योग के उपयोग के लिए आरक्षित किया गया है। बता दे, इंदौर और पीथमपुर से सीधे जुड़ाव की वजह से आने वाले समय में उद्योग हाथों-हाथ ये जमीनें आवंटित करवा लेंगे।
औद्योगिक क्षेत्र के लिए सीधे जमीन अधिग्रहण करने की बजाय सरकार लैंड पुलिंग एक्ट लेकर आई है। ऐसे अब सीधे तौर पर पितमपुर इंदौर और धार क्षेत्र को औद्योगिक विकास का लाभ आसानी से मिल पाएगा। जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ महीने पहले ही पीथमपुर सेक्टर सेवन का शिलान्यास किया गया। इस सेक्टर में करीब 2000 एकड़ जमीन उद्योग के लिए आरक्षित की गई।
ऐसे में करीब 29000 एकड़ के आसपास के क्षेत्रों की जमीन भी अगले चरणों में औद्योगिक क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। बताया जा रहा है कि इन्वेस्टमेंट रीजन एक्ट 2013 के चलते गांव की ऐसी खाली जमीन जो औद्योगिक उपयोग में लाई जा सके उसे अधिसूचित कर हस्तांतरण आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अब इंदौर, पीथमपुर, धार और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से उद्योग एक विकास होता दिखाई देगा। इतना ही नहीं सबसे खास बात यह है कि यहां निवेश और उद्योग का खास फायदा लोगों को मिलेगा।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी द्वारा बताया गया है कि इंवेस्टमेंट रीजन के चलते आने वाली कुल परिधी तो 400 वर्गकिमी से ज्यादा है। ऐसे में बसाहट, नगरीय, ग्रामीण क्षेत्र को छोड़कर उपयोग में लाने वाली जमीन सवा सौ किमी के करीब है। इसको लेकर कल ही इस क्षेत्र में जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगाई जा चुकी है। लोगों में इंदौर और पीथमपुर क्षेत्र में ही जमीन लेने का क्रेज सबसे ज्यादा नजर आ रहा है। सरकार को भी इसका लाभ लेना चाहिए।