भोपाल : सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस का गौरवशाली इतिहास रहा है। पंजाब, नॉर्थ ईस्ट, कश्मीर हो, जहां भी आवश्यकता पड़ी, आप गये और शानदार सफलता प्राप्त कर देश की एकता, अखण्डता को बनाये रखने में अपना योगदान दिया। ये बात उन्होने भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दो दिवसीय आईपीएस मीट के शुभारंभ अवसर पर कही। इस मौके पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे।
‘लीडर होने के नाते हैं फोर्स के आदर्श’
सीएम शिवराज ने कहा कि ‘आप लीडर हैं और लीडर के नाते अपने फोर्स के आदर्श हैं। इसलिए आपसे एक तरफ जहां आपके कर्तव्यों की पूर्ति, तो वहीं दूसरी ओर अपने जवानों की तकलीफों का संवेदना के साथ ध्यान कैसे रख सकते हैं, इसकी भी अपेक्षा है।’ उन्होने कहा कि ‘देशभक्ति और जनसेवा के भाव का अक्षरश: साल भर क्रियान्वयन होते मैंने देखा है। कोविड-19 के दौरान अपनी जान हथेली पर रखकर और सर पर कफन बांध कर चौराहे पर हमारे पुलिस के जवान व अधिकारी खड़े रहे। जरूरत पड़ने पर हमारे जवानों व अफसरों ने जिस तरह से अपने कर्तव्यों का पालन किया, वह हमें गर्व से भर देता है। मुझे प्रसन्नता होती है कि पुलिसिंग के मामले में पूरे देश में हमारी पुलिस का अलग नाम और शान है। एक मित्र के नाते मैं आपसे कहना चाहता हूं कि कई बार काम की व्यस्तता में आप अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पाते हैं। मैं ऐसे साथियों से आग्रह करना चाहता हूं कि आप बच्चों के लिए समय निकालें, स्नेह दें।’
‘मध्य प्रदेश पुलिस का गौरवशाली इतिहास’
इस मौके पर उन्होने अपने शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘मैं जब नया-नया मुख्यमंत्री बना था, तो उस समय मध्यप्रदेश में डकैतों का आतंक था। मैंने श्री सरबजीत सिंह जी और श्री विजय यादव जी को इनके सफाये की जिम्मेदारी दी थी। सालभर भी नहीं लगे और डकैतों के गिरोह समाप्त हो गये और फिर पनप भी नहीं पाये। मुझे गर्व है अपनी पुलिस और हॉक फोर्स पर, इन्हें टास्क दिया और तत्काल परिणाम प्राप्त होता है। इनके सीने पर मेडल लगाते हुए मुझे कितना गर्व होता है, यह शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं। भूमाफियाओं, गुंडे, बदमाशों से हमने 23 हजार एकड़ जमीनें मुक्त कराई और अब इसे गरीबों में बांट रहे हैं। बुलडोजर पहुंच जाता है, तो कई माफिया तो ऐसे ही आत्मसमर्पण कर देते हैं कि घर मत तोड़ो।’ सीएम ने कहा कि आप सभी जिले के अधिकारियों की बात भी सुनें। जो फील्ड में काम कर रहे हैं अगर उनकी सुनेंगे तो बेहतर काम होगा। सीनियर अधिकारी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक करें और इसमें कानून व्यवस्था को और बेहतर करने पर चर्चा करें। उन्होने कहा कि हम मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति और बेहतर करने के लिए कृत संकल्पित हैं।