नई दिल्ली : राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दौरान राजस्थान कांग्रेस में बवाल कुछ शांत हो गया था, लेकिन अब शांति के बाद फिर से तूफान उठता दिख रहा है। सचिन पायलट खेमे ने एक बार फिर से मोर्चा संभाला है और अशोक गहलोत समर्थक विधायकों पर ऐक्शन लेने की मांग की है। एक तरफ सचिन पायलट ने अशोक गहलोत गुट की बगावत याद दिलाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को माफी मांगनी पड़ गई थी तो उनके समर्थक राजेंद्र गुढ़ा ने जल्दी सीएम बदलने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि केसी वेणुगोपाल ने एक या दो दिन में सीएम को लेकर फैसले की बात कही थी, लेकिन एक महीना हो गया है। अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
सचिन पायलट खेमे के अचानक हमले तेज करने से राजस्थान कांग्रेस में फिर से टकराव की नौबत आ सकती है। पूर्व डिप्टी सीएम ने तो अशोक गहलोत की मंशा पर ही सवाल उठा दिए। गहलोत की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी तारीफ और फिर बदले में प्रशंसा पाने पर उन्होंने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि संसद में पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी। सब जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ था। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पायलट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उन बागी विधायकों पर ऐक्शन लेंगे, जिन्होंने हाईकमान की बुलाई मीटिंग का बहिष्कार किया था।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, ‘यह सभी जानते हैं कि 25 सितंबर को विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन यह नहीं हो पाई। इसके लिए सीएम ने पार्टी और पूर्व अध्यक्ष हाईकमान से माफी भी मांगी थी।’ उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को नोटिस भी भेजे गए थे। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है और सभी के लिए नियम समान हैं। यह मायने नहीं रखता कि कौन कितना सीनियर है। मुझे पूरा भरोसा है कि नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ऐक्शन लेंगे।’ उन्होंने केसी वेणुगोपाल का बयान याद दिलाते हुए कहा कि राजस्थान को लेकर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा।
भाजपा ने ली चुटकी- राजस्थान की गवर्नेंस हो रही प्रभावित
इस बीच भाजपा ने भी राजस्थान कांग्रेस में मची रार पर चुटकी ली है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस दो खेमे में बंटी है। एक खेमा अशोक गहलोत का है और दूसरा सचिन पायलट का है। इसके चलते राज्य की गवर्नेंस प्रभावित हो रही है। अशोक गहलोत की तारीफ को लेकर मेघवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने आजाद की सराहना तब की थी, जब राज्यसभा में उनका आखिरी दिन था। सचिन पायलट की नजर सीएम की कुर्सी पर है और यह उनका आंतरिक मामला है।