जबलपुर : मध्य प्रदेश में प्रतिबंध के बाद भी नर्सों द्वारा हड़ताल जारी रखने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान एमपी नर्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जाट कोर्ट में पेश हुए, जहां अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में आज लिखित में वादा किया कि आगे से कभी भी बिना अनुमति के हड़ताल नही करेंगे।

अध्यक्ष के जवाब को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर हड़ताली नर्सों की विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्यवाई शुरू की गई। अब सरकार को 2 हफ्ते में कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है। जिसकी अगली सुनवाई अब 2 सप्ताह बाद होगी।
नर्सों की प्रमुख मांगे
दरअसल, स्टाफ नर्स द्वारा 300 रुपए प्रति रात्रि आकस्मिक चिकित्सा भत्ता देने की मांग के साथ ही वेतन वृद्धि और पदोन्नति का भी लाभ देने मांग की है। इसके अलावा, अन्य राज्यों की तरह नर्सिंग ऑफिसर को ग्रेड-2 सहित नर्सिंग स्टूडेंट्स का स्टायपेंड 3000 से 8000 तक करने की मांग की गई है। वहीं, नर्सिंग ऑफिसर को 3 व 4 वेतनवृद्धि का लाभ और स्वशासी नर्सिंग ऑफिसर को 7वां वेतनमान 2016 से देने की मांग सरकार से की है।