जबलपुर। जबलपुर EOW की जद में आए ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है, ईओडब्ल्यू की सर्च कार्यवाही में एक के बाद एक खुलासे इस मामलें में हो रहे है, हालांकि EOW की रिमांड के बाद पीसी सिंह को अब न्यायिक हिरासत में जेल में है, इसी बीच जानकारी सामने आई है कि पीसी सिंह बिशप के पद पर बने रहे, इसके लिए उनकी पत्नी नोरासिंह ने डायसिस की सभी शैक्षणिक संस्थाओं से करीब पांच करोड़ रुपए चंदा एकत्र कर सीनेट के जनरल सेकेटरी डेनिश लाल व सीनेट की अन्य समितियों को दिए है, गौरतलब है कि EOW की कार्रवाई में पीसी सिंह के कई फ्रॉड सामने आए थे जिसके बाद पीसी सिंह को बिशप के पद से हटा दिया गया था, बताया जा रहा है कि पीसी सिंह की पत्नी ने समितियों को करोड़ों रुपये दिए, ताकि पीसी सिंह को बिशप के पद से न हटाकर लम्बी छुट्टी पर भेजने का आवेदन बना दिया जाए।
आरटीआई कार्यकर्ता नितिन लॉरेंस ने एक लिखित शिकायत देते हुए आरोप लगाए है कि नोरासिंह ने अपने पति पीसी सिंह को बचाने के लिए सुनियोजित तरीके से शैक्षणिक संस्थाओं से पांच-पांच लाख रुपए या उससे अधिक का चंदा एकत्र कर करीब पांच करोड़ रुपए दिए है, इसके पीछे मंशा यह है कि पीसी सिंह जब भी जेल से बाहर आए तो उन्हे बिशप के पद पर बिठाया जाए, आरटीआई कार्यकर्ता नितिन लॉरेन्स ने यह भी आरोप लगाया है कि पीसी सिंह के जितने भी अवैध, गैरकानूनी तरीके से खरीदी-बिक्री किए गए संपत्तियों के पेपर हैं उन सब में सीनेट के जनरल सेक्रेटरी डेनिश लाल का महत्वपूर्ण हाथ है, पीसी सिंह के लिए डेनिश लाल गलत तरीके से नकली या कहे की अवैध तरीके से संपत्तियों के पेपर बनाते है, वही डेनिश लाल ने पीसी सिंह की गिरफ्तारी के बाद कूट रचित तरीके से उनके जमीन के पेपर को छुपाने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई, आरोप लगाते हुए नितिन लॉरेन्स व समाज के अन्य लोगों ने सीएनआई भवन का घेराव कर मामले की जांच कर डेनिशलाल को सेकेटरी के पद से हटाने की मांग की है।