नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यक्रमों में केंद्रीय कर्मचारियों पर लगी रोक हटाने, आरएसएस को लेकर पिछले दिनों सामने आ रही अलग अलग टिप्पणी और कल बुधवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा सदन में आरएसएस को बेदाग और सेवाभावी संगठन बताने के बाद से कांग्रेस भड़की हुई है, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट साझा की है जिसमें लिखा है कि आरएसएस की प्रशंसा से अगर कोई सबसे अधिक भयभीत होते, तो वह भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल होते।
जयराम रमेश ने लिखा- हाल के दिनों में जिस तरह से RSS को क्लीन चिट दी जा रही है और उसकी प्रशंसा हो रही है, उससे अगर कोई सबसे अधिक भयभीत होते, तो वह भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल होते। गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के कई दस्तावेज़ इसके हिंसक, संविधान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी चरित्र को लेकर उनके गहरे भय को प्रकट करते हैं।
गृह मंत्रालय ने 19 48 में RSS को लेकर की थी ये टिप्पणी
4 फ़रवरी, 1948 को सरदार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में, केंद्र सरकार ने कहा कि वह “हमारे देश में काम कर रही नफ़रत और हिंसा की ताकतों को जड़ से खत्म करने और राष्ट्र की स्वतंत्रता को ख़तरे में डालने और अंधकार में धकेलने के लिए” आरएसएस पर प्रतिबंध लगा रही है। संघ की गतिविधियों से प्रायोजित और प्रेरित हिंसा ने कई पीड़ितों की जान ले ली है। इस कड़ी में सबसे ताज़ा और मूल्यवान नाम स्वयं गांधीजी का है।”
श्याम प्रसाद मुखर्जी को लिखे पत्र में सरदार पटेल ने RSS को सरकार के लिए खतरा बताया था
उन्होंने 18 जुलाई, 1948 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे एक पत्र में भी यही भावना दोहराई: “मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हिंदू महासभा का चरमपंथी वर्ग साजिश (गांधी को मारने के लिए) में शामिल था। RSS की गतिविधियाँ सरकार और राज्य के अस्तित्व के लिए स्पष्ट ख़तरा हैं।”
पटेल ने गोलवलकर को लिखे पत्र में गांधी जी की हत्या के लिए संघ पर निशाना साधा था
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा , सरदार पटेल ने सितंबर 1948 मे RSS पर प्रतिबंध लगाने के अपने फ़ैसले के बारे में बताते हुए एम.एस. गोलवलकर को भी लिखा था। उन्होंने कहा था: “उनके (RSS के) सभी भाषण सांप्रदायिकता के ज़हर से भरे हुए थे…जिसके अंतिम परिणाम के रूप में, देश को गांधीजी के अमूल्य जीवन का बलिदान भुगतना पड़ा।” गांधीजी की हत्या के बाद RSS के लोगों ने ख़ुशी व्यक्त की और मिठाइयाँ बाँटीं। RSS का भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुक़सान पहुंचाने का एक लंबा इतिहास रहा है। आरएसएस सरदार पटेल के लिए वैसा ही अभिशाप था, जैसा किसी अन्य भारतीय राष्ट्रवादी के लिए है।
कांग्रेस क्यों है बौखलाई, RSS को लेकर क्या कहा धनखड़ ने
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को कई बार प्रतिबंधित किया गया, केंद्रीय कर्मचारियों को उसके कार्यक्रमों में जाने के लिए दशकों से प्रतिबंधित किया गया, राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई बड़े नेता लगातार आरएसएस की विचारधारा के विरोध करते आ रहे हैं उसे देशविरोधी बता रहे हैं, लेकिन आरएसएस के कार्यक्रमों से इससे उलट साबित होता रहा, ये देश को समर्पित संगठन दिखाई दिया इसी बीच केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया और राज्यसभा में एक सदस्य द्वारा आरएसएस प् रुथाये गए सवाल के विषय में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कह दिया कि आरएसएस ऐसा संगठन है, जिसके पास इस राष्ट्र की विकास यात्रा में भाग लेने का पूरा संवैधानिक अधिकार है। इसमें शामिल लोग निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आरएसएस राष्ट्रीय कल्याण और संस्कृति के लिए योगदान दे रहा है। हर किसी को ऐसे संगठन पर गर्व करना चाहिए। इसके बाद से कांग्रेस का पारा औ र्चाध गया है।