भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश में पानी की एक एक बूंद को बचाने और पुराने जल स्त्रोतों को संवारने के लिए 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। तीन माह तक चलने वाले इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में मनरेगा योजना के तहत 81 हजार खेत-तालाब, 1 हजार अमृत सरोवर, 1 लाख कूप रिचार्ज और पूर्व से प्रगतिरत जल संग्रहण और भूजल संवर्धन के 70 हजार कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया है। इस अभियान में और तेजी लाने के लिए अब सरकार ने पुरस्कार देने की घोषणा की है पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, कर्मियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार दो श्रेणी में प्रदान किये जायेंगे। इस संबंध में म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद के आयुक्त अवि प्रसाद ने बताया कि एक पुरस्कार जल गंगा संवर्धन अभियान में समग्र रूप से उत्कष्ट कार्य पर और दूसरा मनरेगा अन्तर्गत खेत-तालाब निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने पर दिया जाएगा। अभियान में समग्र रूप से श्रेष्ठ कार्य करने पर पुरस्कार प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में दिया जाएगा।
प्रथम आने वाले कलेक्टर को 1 लाख 50 हजार रुपये, CEO को 1 लाख का पुरस्कार
उन्होंने बताया, विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को निर्देश पत्र भी जारी कर दिए गए हैं। अभियान में समग्र रूप से श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले के कलेक्टर को क्रमश: 1 लाख 50 हजार रुपये, 1 लाख 25 लाख रुपये और 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिला पंचायत को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार क्रमश: 1 लाख, 75 हजार और 50 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप राशि प्रदान की जाएगी। जबकि, जिले के अमले के लिए क्रमश: 6 लाख, 4 लाख 50 हजार और 3 लाख रुपये की पुरस्कार स्वरूप राशि प्रदान की जाएगी।
जिले के कर्मचारियों का चयन एक समिति करेगी
जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों को पुरस्कार देने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत जिला स्तरीय समिति द्वारा चयन किया जाएगा। इसके साथ ही यदि अभियान के अंतर्गत श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिला, जनपद, पंचायत में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों, कर्मियों का स्थानांतरण हो जाता है तो उन्हें पदस्थापना की कार्य अवधि के समानुपात में पुरस्कार की राशि प्रदान की जाएगी।
राज्य स्तर पर होगा सत्यापन
जल गंगा संवर्धन अभियान की अवधि पूर्ण होने पर मनरेगा डेशबोर्ड/ पोर्टल/JGSA dashboard पर निर्धारित मापदंडों के अनुसार जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों की रैंक के आधार पर उपरोक्त श्रेणियों का चयन किया जाएगा। इसका सत्यापन राज्य स्तर पर किया जाएगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिले व विकासखंड को भी मिलेगा पुरस्कार
- जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाले जिले व विकासखंड को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार दो श्रेणियों में दिया जाएगा।
- जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए “ए” व “बी” दो श्रेणी होगी। “ए” श्रेणी में 4 या उससे कम जनपदों को शामिल किया जाएगा। है।
- इसी तरह से बी श्रेणी में 5 या उससे अधिक जनपदों को शामिल किया जाएगा। विकासखंड स्तरीय पुरस्कार के लिए भी ए व बी श्रेणी निर्धारित की गई।
- ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों को शामिल किया गया, जबकि “बी” श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपदों को शामिल किया गया है।
- पूरे प्रदेश में जिला स्तर व विकासखंड स्तर की दोनों श्रेणियों के लिए 1-1 पुरस्कार दिया जाएगा।
- जिला स्तरीय पुरस्कार “ए” व “बी” श्रेणी में आने वाले कलेक्टर को 1 लाख रुपये, मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।
- कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को 50 हजार रुपये और जिले के अमले के लिए 2 लाख 75 हजार रुपये की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी।
- विकासखंड स्तर पर भी “ए” व “बी” श्रेणी में आने वाले जनपद पंचायत सीईओ को 50 हजार रुपये, सहायक यंत्री जनपद पंचायत को 30 हजार रुपये और जनपद अमले को 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाएगी।