भोपाल : यात्राएं हमेशा किसी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए होती हैं। उसके कुछ उद्देश्य होते हैं और बीच में कई पड़ाव भी आते हैं। फिलहास मध्य प्रदेश में चुनावी रण की तैयारियां जोरों पर है और सत्ताधारी बीजेपी के साथ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी रणभेरी बजा दी है। अब चुनाव रुपी युद्ध को जीतने के लिए दोनों ही अपनी अपनी यात्राएं कर रहे हैं और यहां यात्रा से कोई सांकेतिक अर्थ नहीं बल्कि मूल अर्थ की बात हो रही है। एक तरफ प्रदेशभर में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा निकल रही है, वहीं गणेश चतुर्थी से कांग्रेस ने भी जन आक्रोश यात्रा प्रारंभ कर दी है। लेकिन अपनी अपनी यात्राओं के यशोगान के साथ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे की यात्रा पर हमलावर है।
कांंग्रेस की जन आक्रोश यात्रा पर गृहमंत्री का हमला
19 सितंबर से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा का श्रीगणेश हो रहा है। कांग्रेस प्रदेश भर में 7 यात्राएं निकालेगी जो 15 दिन में 11 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस यात्रा का नेतृत्व अलग अलग स्थानों पर वरिष्ठ नेता करेंगे। लेकिन बीजेपी ने इस यात्रा को ‘नकल’ बताया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को मिल रहे भारी जनसमर्थन के बाद कांग्रेस घबरा कर जन आक्रोश यात्रा निकालने जा रही है। प्रदेश की जनता में कांग्रेस के खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है और जनता चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी।’ उन्होने कहा कि हम तो जनता का आशीर्वाद मांगने गए हैं, लेकिन ये नकल कर रहे हैं। हमने जब लाड़ली बहना के लिए 1000 रुपये दिए तो ये 1500 रुपये लेकर आ गए। लेकिन जनता बहुत आक्रोशित है और सभी लोग अभी कांग्रेस के प्रति आक्रोश लिए बैठे हैं। इसलिए क्या हश्र होगा ये सब देखेंगे।
कांग्रेस की यात्रा को दलित और महिला विरोधी बताया
इतना ही नहीं, गृहमंत्री ने इस यात्रा को दलित और महिला विरोधी भी करार दिया है। उन्होने कहा कि ‘कांग्रेस का दलित और महिला विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा में न ही दलित वर्ग को सम्मान मिला है और न ही महिला वर्ग को सम्मान मिला है।’ उन्होने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि ‘मलाई दोनों भाई खाते हैं..छोटा भाई और बड़ा भाई और यात्रा में दौड़ा दिया हमारे मित्र गोविंद सिंह जी को, अरुण यादव जी को, सुरेश पचौरी जी को। और इस यात्रा में एक भी दलित और महिला नहीं है। इससे आप समझ सकते हैं कि ये किस तरह की यात्रा निकाल रहे हैं।’
जारी है बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा
बता दें कि मध्य प्रदेश में पहले से ही बीजपी की जनआशीर्वाद यात्रा निकाली जा रही है। कि भारतीय जनता पार्टी ने पाँच जनआशीर्वाद यात्राएं सितंबर के पहले सप्ताह से चित्रकूट, मंडला, खंडवा, नीमच एवं श्योपुर से प्रारंभ हुई हैं। इनके शुभारंभ करने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। बीजेपी की इन यात्राओं के दौरान 678 रथ सभाएं होंगी और 211 बड़ी सभाएं होंगी। वहीं 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर इन पांचों यात्राओं का समागम भोपाल में होगा। उस दिन राजधानी में कार्यकर्ता महाकुंभ भी होगा जिसमें 10 लाख कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मिलित होंगे।
कांग्रेस शुरु से ही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा पर निशाना साधती रही है और इसे ‘टुकडे़ टुकड़े यात्रा’ भी करार दे चुकी है। उसका कहना है कि जनता बीजेपी की असलियत भलीभांति समझ चुकी है और इन चुनावों में अच्छी तरह सबक सिखाएगी। बहरहल, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर हमलावर हैं और चुनावी समर जीतने के लिए अपनी अपनी यात्राओं पर निकल चुके हैं। अब ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ बनाम ‘जन आक्रोश यात्रा’ में से ‘जन’ यानी जनता किसे आशीर्वाद देती है और किसके प्रति आक्रोश दिखाती है, ये नतीजे ही बताएंगे।