भोपाल : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर तीखा हमला किया है। जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर गंभीर आरोप लगाया और तबादलों के मामले में इस सरकार को “ट्रांसफर उद्योग” बताया है। दरअसल जीतू पटवारी ने कहा कि मोहन सरकार ने पिछले 10 महीनों में राज्य के प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। इसके साथ ही जीतू पटवारी ने यह भी दावा किया है कि पिछले 10 महीनें में 73% आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, और 68 बार तबादलों की सूची जारी की गई है।
इसके साथ ही जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में ट्रांसफर की प्रक्रिया दिन और रात की दो शिफ्टों में चलाई जा रही है। उनका कहना है कि रात में अधिकारियों से लेन-देन किया जाता है और फिर बाद में तबादलों की सूची तैयार की जाती है। इसके साथ ही जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “वल्लभ भवन अब दलाली का अड्डा बन चुका है। सरकार ने इसे प्रशासनिक माफिया का केंद्र बना दिया है।”
जीतू पटवारी का मोहन सरकार पर गंभीर आरोप
जीतू पटवारी ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी इन तबादलों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि अब जो भी अधिकारी-कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे, उन्हें कांग्रेस द्वारा बेनकाब किया जाएगा। इसके साथ ही जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार के कई विभागों में प्रमुख सचिवों की नियुक्ति में पारदर्शिता नहीं दिखाई दे रही है।
किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा
दरअसल जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर किसानों के हितों को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में सोयाबीन और अन्य फसलों के समर्थन मूल्य पर सरकार ने प्रदेश के किसानों को धोखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में किसानों के लिए समर्थन मूल्य देने की बात की गई है, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक इसे लागू नहीं किया गया। जीतू पटवारी ने कहा कि “हमारा दायित्व है कि हम किसानों के हितों की रक्षा करें। कांग्रेस कभी किसानों के संघर्ष से पीछे नहीं हटी है और न ही हटेगी। 6000 रुपये प्रति क्विंटल सोयाबीन और 2700 रुपये गेहूं के दाम के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
निर्वाचन आयोग पर भी जीतू पटवारी ने खड़े किए सवाल
वहीं जीतू पटवारी ने इस दौरान निर्वाचन आयोग पर भी सवाल खड़े किए। दरअसल उन्होंने कहा कि “हमने निर्वाचन आयोग में 100 शिकायतें की चुनाव के पहले और चुनाव के दौरान भी, लेकिन बाबजूद इसके एक संज्ञान नहीं लिया गया।” जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने खुद निर्वाचन आयोग को एसपी और कलेक्टर को हटाने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन इसके बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके साथ ही जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने ऐप्लिकेशन दी थी कि कुछ बूथों की री काउंटिंग होनी चाहिए। जिला स्तर पर भी और प्रदेश में भी, लेकिन निर्वाचन आयोग द्वारा यह नहीं किया गया। जीतू पटवारी ने कहा कि “मैं मानता हूँ, निर्वाचन आयोग का यह रुख इस देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है। मैं निर्वाचन आयोग से आग्रह करता हूं कि आप तोता ना बने, आप पिट्ठू ना बने आप कृपया कर के नियम और कानून के संदर्भ का पालन करें।”