भोपाल : एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी की बैठक ली थी। एक दिन पहले ही अधिकारियों को साफतौर पर निर्देश दिए गए कि कोलकाता जैसी भयावह घटना से सबक़ लेकर सारे एहतियाती कदम उठाए जाए। अभी एक दिन भी नहीं बीता था कि सिविल अस्पताल जावरा में ड्यूटी डॉक्टर के साथ मारपीट की गई।
कोलकाता आरजी मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद से मध्य प्रदेश के डॉक्टर्स भी सुरक्षा की मांग को लेकर सामने आ चुके हैं। प्रदेश में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए दो घंटे के शॉर्ट नोटिस पर सीएस वीरा राणा ने एक मीटिंग बुलाई। सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी सीएस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े। लेकिन उसका कोई ख़ास फ़ायदा होता दिख नहीं रहा है।
डॉक्टर की पिटाई!
सीएस वीरा राणा ने मध्य प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और एसपी को सख़्त निर्देश कि दिए प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्पेशल सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए जाएँ और चिकित्सकों को किसी भी तरह की कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े। ये बैठक क़रीब तीन घंटे तक चली। लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद सिविल अस्पताल जावरा में ड्यूटी डॉक्टर के आधी रात मारपीट की गई। इसे लेकर अब समस्त डॉक्टर्स ओर स्टाफ विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने हॉस्पिटल से पुलिस थाने तक रैली निकाली और साफ़ कह दिया है कि अगर तीन दिन के अंदर दोषी पर कार्रवाई नहीं की तो वो काम बंद कर आंदोलन पर उतर जाएँगे। इसे लेकर उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। इस मामले में डॉक्टर की पिटाई करने वाले व्यक्ति ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी 8 बिंदु
बता दें अभी कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी 8 बिंदुओं पर सुरक्षा उपायों को लेकर एक आदेश जारी किया था और सभी अधिकारियों से उसके त्वरित क्रियान्वन के निर्देश भी दिए थे। जिन आठ सुरक्षा उपायों को लेकर सरकार ने आदेश जारी किए गए उनमें चिकित्सकों को प्राप्त कानूनी संरक्षण का प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शन करने, सुरक्षा और हिंसा रोकथाम के लिए समितियों का गठन करने, स्वास्थ संस्थाओं में लोगों के प्रवेश पर लगे नियंत्रण, पास नीति का कड़ाई से पालन किए जाने, चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा प्रावधान जैसे प्रकाश की व्यवस्था, परिवहन और नाइट ड्यूटी में विशेष सावधानी अपनाई जाने, परिसरों में प्रकाश की और सीसीटीवी की व्यवस्था पूरी तरह सही कर समीक्षा करने, जरूरत लगे तो बढ़ाई जाने, स्थानीय पुलिस रात्रि सुरक्षा गश्त बढ़ाने, 24×7 सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, पुलिस के साथ समन्वय और संवाद करने, अस्पताल में उपयुक्त स्थानों पर अधिकारियों के फोन नंबर प्रकाशित किए जाने और यौन उत्पीड़न घटनाओं की रोकथाम के लिए गठित आंतरिक समितियां का बेहतर संचालन किए जाने की बात कही गई है।
डॉक्टरों ने सौंपा पुलिस को ज्ञापन की यह मांगें
जावरा में इस मामले के बाद चिकित्सकों ने पुलिस को ज्ञापन सोपा है जिसमें 24 घंटे पुलिस की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मात्रा में सीसटीवी कैमरे होना, ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई करना आदि मांगे सामने रखी हैं।