सिर्फ मुस्कुरा रहे, क्या कुछ छिपा रहे अशोक गहलोत, 28 का इंतजार कीजिए…

नई दिल्ली: तो क्या कांग्रेस को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने वाला है? जो संकेत हैं उसमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत इस रेस में आगे बताए जा रहे हैं। कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी  के बेहद करीबी गहलोत मौजूदा कांग्रेस सिस्टम में सबसे फिट भी हैं। हालांकि, जब गहलोत से जब इस बारे में पूछा गया तो हंसकर टाल गए। पार्टी के शीर्ष सूत्रों की माने तो 28 अगस्त को पार्टी की होने वाली बैठक में गहलोत के नाम पर मुहर लग सकती है।

राहुल अध्यक्ष पद संभालने को तैयार नहीं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी फिर से पार्टी के मुखिया बनने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं रहती है। ऐसे में पार्टी को किसी ऐसे नेता को इस पद पर बैठा सकती है जो गांधी परिवार का बेहद करीबी हो। हालांकि, लगातार तीसरे दिन जब गहलोत से कांग्रेस अध्यक्ष बनने को लेकर सवाल पूछा गया तो वो इसे टालते नजर आए। उन्होंने कहा कि वह अपने दोहरे काम पर ध्यान दे रहे हैं। पहला राजस्थान के सीएम के रूप में और दूसरा गुजरात में पार्टी के चुनाव प्रभारी के रूप में।

पर सस्पेंस तो है
गहलोत ने इतना जरूर कहा कि वह पार्टी के आज्ञाकारी सिपाही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी चीफ पर अंतिम फैसला एक सस्पेंस है। उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी काम देती है वह उसे अनुशासित सिपाही के रूप में पूरा करते हैं। गौरतलब है कि गहलोत गुजरात जाने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंगलवार को मुलाकात की थी। इसके बाद से ही ये चर्चा जोर पकड़ने लगी कि वह जल्द ही जयपुर से दिल्ली शिफ्ट होंगे।

पर यहां फंसा है पेच
पर पार्टी के कई लोगों का मानना है कि अगर गहलोत पार्टी के अध्यक्ष पद स्वीकार करते हैं तो वह राज्य में अपने विश्वासपात्र को अपनी गद्दी सौंपना चाहेंगे। ये शर्त पार्टी के लिए थोड़ी मुश्किल स्थिति पैदा करेगी। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है।

काफी टालमटोल के बाद कांग्रेस ने बुधवार को ऐलान किया कि रविवार (28 अगस्त) को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में ऑनलाइन होगी। इसके बाद सोनिया अपना रेग्युलर मेडिकल चेकअप के लिए विदेश जाएंगी। सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पार्टी लीडरशिप को लेकर अनिश्चितता की स्थिति से उहापोह है। गहलोत ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया था कि कांग्रेस पार्टी अंत समय तक राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष बनने की अपील करती रहेगी।

सूत्रों ने बताया कि एक संभावना ये भी हो सकती है कि सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष बनी रहें और उनकी मदद के लिए कुछ कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस प्रस्ताव पर पार्टी में चर्चा हो रही है। प्रियंका गांधी न्यूट्रल पसंद हो सकती हैं।

गहलोत के अलावा इन नामों पर चर्चा
गहलोत के अलावा मुकुल वासनिक, मीरा कुमार, केसी वेणुगोपाल, कुमारी शैलजा और सुशील कुमार शिंदे के नामों की भी चर्चा है। इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश भी इस रेस में बताए जा रहे हैं। इस बीच जी-23 के नेता मौजूदा हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमिटी के सदस्य गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा ने हाल ही में दो अहम पदों से इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी पार्टी से जता चुके हैं। माना जा रहा है कि अगर पार्टी के चुनाव हुए तो जी-23 धड़ा अपना कैंडिटेट भी खड़ा कर सकता है। या फिर एक और चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जता सकता

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