भोपाल: मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में एमपी समेत चुनावी राज्यों को लेकर पार्टी अफनी रणनीति पर अमल करेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल के साथ-साथ प्रदेश के संगठन में बड़े फेरबदल की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों ने दावा किया कि राज्य के छह मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों में से एक को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण भूमिका के साथ मध्य प्रदेश वापस भेजा जा सकता है। इस रेस में तीन केन्द्रीय मंत्रियों का नाम सबसे आगे है। 2023 के चुनाव को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इसी महीने मोदी कैबिनेट का विस्तार भी संभावित है। माना जा रहा है कि एक केन्द्रीय मंत्री की एमपी में बड़ी भूमिका देते हुए राज्य के दो अन्य नेताओं को मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। एमपी में परिवर्तन के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं पार्टी में अपनी भूमिका खुद तय नहीं कर सकता हूं। मैं पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूं और पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो मैं वह करने को तैयार हूं।
इन नेताओं के नाम पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार, मोदी कैबिनेट से जिस नेता को मध्यप्रदेश वापस भेजा जा सकता है उनमें कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे आगे है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, जिस मंत्री को एमपी भेजा जा सकता है उसमें नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम सबसे आगे है। इन तीनों के अलावा कैलाश विजयवर्गीय का भी नाम सुर्खियों में है। तोमर को संगठन का समर्थन प्राप्त है। जबकि सिंधिया और पटेल भी इस रेस में हैं।
नरेन्द्र सिंह तोमर प्रबल दावेदार
ओबीसी चेहरे के कारण प्रहलाद पटेल सिंधिया से आगे निकल सकते हैं। मध्य प्रदेश बीजेपी इकाई के भीतर गुटबाजी की खबरों के बीच केंद्रीय नेतृत्व सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लेना। सीएम चौहान के बाद, पार्टी के एकमात्र वरिष्ठ नेता, जिन्हें सभी गुटों का समर्थन मिल सकता है वो हैं नरेन्द्र सिंह तोमर हैं। हालांकि ये देखना होगा कि पार्टी उन्हें कौन सा पद ऑफर करती है।
नरोत्तम मिश्रा से नाराज है संगठन
सूत्रों ने दावा किया है कि राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कुछ महीने पहले तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा विकल्प थे। लेकिन उनके मुखर स्वभाव और ज्योतिरादित्य सिंधिया की वफादार पूर्व मंत्री इमरती देवी के साथ संघर्ष के कारण बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उनसे नाराज है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं। लेकिन अभी तक पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हमेशा चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले एमपी में एक बार फिर से चौंकाने वाला फैसला लिया जा सकता है।