कमलनाथ ने कार्यकर्त्ताओं से किया आव्हान, चुनाव में बचे 12 महीने, अभी से एक होकर जुट जाओ…

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जुबानी हमला के साथ ही किसानों, युवाओं के मुद्दे को छुआ। यही नहीं बल्कि कभी ना घोषणा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बालाघाट में एक दो नहीं बल्कि तीन बड़ी घोषणायें की। वहीं कांग्रेस की सरकार गिरते ही भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को लेकर भी तीखी बात कही।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 22 सितंबर को एकदिवसीय प्रवास पर बालाघाट पहुंचे थे। यहां वे पहले खैरलांजी पहुंचे, जहां उन्होंने लोधी समाज द्वारा स्थापित की गई वीरांगना रानी अवंतीबाई की प्रतिमा का लोकार्पण किया। जिसके बाद वे वारासिवनी पहुंचे और जनसभा से पहले मंडल और सेक्टर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें आगामी 12 महिने में होने वाले विधानसभा के लिए अभी से जुट जाने की बात कही। जिसके बाद वह वारासिवनी के कृषि उपज मंडी में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर झूठी घोषणाओं का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कौन सा झूठ नहीं बोलते है। उनके झूठ से झूठ भी शर्मा जाता है। वर्ष 2018 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने हमें भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसान आत्महत्या और महिला अत्याचार में नंबर वन प्रदेश सौंपा था। हमने 15 महिने के कार्यकाल मे लोकसभा चुनाव और आचार संहिता के साढ़े चार महिने को छोड़कर शेष साढ़े 11 महिने में अपनी नियति और नियत का परिचय देते हुए किसानों का कर्जा माफ किया, विभिन्न प्रकार की पेंशन में बढ़ोत्तरी की, 100 यूनिट तक बिजली बिल को कम किया। उन्होंने कहा कि धान उत्पादक जिले में रबी की फसल की खरीदी नहीं की जा रही है, जिससे मंडियां सुनी है। किसानो को सोसायटियों से खाद नहीं मिल रहा है, जिसके कारण उसे व्यापारियों के पास जाना पड़ रहा है। प्रदेश में भ्रष्टाचार एक व्यवस्था बन गई है। पंचायत से लेकर मंत्रालय तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। जिसका पोषण आहार घोटाला एक बड़ा प्रमाण है। भ्रष्टाचार के कारण कारम डेम फूटा।

कमलनाथ ने कहा कि सरकार आखिर इतना कर्ज क्यों ले रही है, किसानों के लिए या नौजवानों को रोजगार के लिए, नहीं ताकि वह ठेकेदारों को ठेका दे सके और मिलने वाले एडवांस से उसका कमीशन मिल सके। उन्होंने कहा कि जिले और देश की संस्कृति जोड़ने की रही है, हम धर्म, भाषा और लोगों को जोड़ते है, जबकि मोदी सरकार बांटने का काम कर रही हैं। अब यह युवाओं को तय करना है कि आखिर उन्हे कौन सी राह चुननी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हमेशा से फोकस, युवा बेरोजगार को रोजगार, किसानों की उन्नति और गरीबों को राहत देना रहा है और लगातार यह काम कांग्रेस कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने बालाघाट में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की है, वह बताये कि उन्होंने इसके लिए क्या किया, जबकि हमारी सरकार ने इस पर काम किया था। जिसके बाद शिवराजसिंह चौहान की सरकार इसको भूल गई। लेकिन आज हम यहां वादा करते है कि ना केवल बालाघाट को मेडिकल कॉलेज दिया जायेगा। बल्कि प्रदेश में किसानों की रबी की धान को समर्थन मूल्य में खरीदने के साथ ही कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदाय की जायेगी। कमलनाथ ने कभी कांग्रेस में रहकर खनिज मंत्री रहे और सरकार गिरने के बाद पाला बदलकर भाजपा सरकार को समर्थन देकर निगम अध्यक्ष बने निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल पर भी तीखे प्रहार किये। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने वारासिवनी से निर्वाचित होकर गये निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को नहीं बल्कि वारासिवनी की जनता को खनिज मंत्रालय सौंपा था, ताकि वारासिवनी का विकास हो सके। यह पद उन्होंने सरकार में किसी शक्ल या व्यक्ति देखकर नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनानी है तो आम जनता, किसान और युवाओं को प्रदेश का भविष्य का बदलने के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीतना होगा।

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