भोपाल : देश के कई हिस्सों में मॉनसून क़हर लेकर आया है। केरल के वायनाड में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से सैंकड़ों लोग अपनी जान गँवा चुके हैं वहीं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के साथ महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बाढ़ प्रभावित कई स्थानों पर अब भी सैलानी और तीर्थ यात्री फँसे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार से इन्हें सुरक्षित निकालने की मांग की है।
तीर्थयात्रियों को मदद मुहैया कराने की मांग
कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि ‘केरल के वायनाड में भूस्खलन से सैकड़ों लोगों की मौत के बाद अब उत्तराखंड और हिमाचल से भी बादल फटने और बड़ी संख्या में मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकले मध्यप्रदेश के 61 श्रद्धालु समेत हज़ारों की संख्या में तीर्थयात्रियों के फँसने की खबरें चिंतित करती है। हिमाचल के कुल्लू, शिमला, चंबा और मंडी में भी बादल फटने और बाढ़ से एक नेशनल हाईवे समेत कई सड़कें तबाह हो चुकी हैं। कई सैलानी यात्रा मार्ग पर फँसे हुए हैं।’
न्होंने कहा कि ‘मैं देश एवं मध्यप्रदेश के सभी तीर्थयात्रियों से प्रार्थना करता हूँ कि अपनी और अपने परिवार की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित किये बग़ैर पहाड़ों की यात्रा करने से बचें। बारिश के दिनों में पहाड़ों पर भूस्खलन हमेशा ही यात्रा को असुरक्षित बनाते हैं। ऐसे में पूरी जानकारी और आपदा से सुरक्षा के पूर्ण प्रबंध के साथ ही यात्रा करें। मैं केन्द्र सरकार से माँग करता हूँ कि फँसे हुए यात्रियों को हर संभव मदद उपलब्ध कराते हुए सभी की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें। मौसम विभाग एवं अन्य सक्षम एजेंसियाँ यात्रा के जोखिम का मूल्यांकन करें और यात्रा सुरक्षित पाए जाने पर ही यात्रियों को आगे जाने की अनुमति दें। याद रहे ! यदि जीवन सुरक्षित रहा, तो अनेकों यात्राएँ और अनेकों तीर्थ के द्वार आपके लिए हमेशा खुले रहेंगे।’