भोपाल: 19 दिसंबर से शुरू हुआ मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज चौथे दिन दोपहर में ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। सदन में पहले दिन दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी गई। दूसरे दिन अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया। तीसरे दिन कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर रात एक बजे तक चर्चा हुई और आज चौथे और आखिरी दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्र में उद्बोधन किया।
सीएम शिवराज ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुखिया कमल नाथ पर भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण करने के आरोप मढ़े। शिवराज ने कहा कि मैं दावे के साथ कहता हूं 2003 तक भी कांग्रेस की सरकार थी, कभी कलेक्टर और एसपी की पोस्टिंग में पैसा नहीं लिया गया, लेकिन कमल नाथ के समय यह इतिहास में पहली बार हुआ है। शिवराज ने कहा कि जब आपकी (कमल नाथ) सरकार जा रही थी, उस समय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के लिए इस्तीफा देने से 15 मिनिट पहले 63 करोड़ रुपए का मोबाइल घोटाला कर डाला।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें एक बार फिर से कोविड से सावधान रहने की जरूरत है। जब पहली बार प्रदेश में कोरोना आया था तो सरकार ने पूरी शिद्दत से बचाव के कार्य किए। हमने क्राइसिस मैंनेजमेंट कमेटियां बनाईं और जनता को उसमें सहभागी बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया।