खरगोन : खरगोन के नए कलेक्टर कार्यालय ज्ञापन और धरना प्रदर्शन करना नागरिकों को महंगा पड़ सकता है। बिना अनुमति ऐसा करना दंडनीय माना जाएगा। द.प्र.सं 1973 की धारा 144 के अंतर्गत बिना सक्षम अनुमति के बिना जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में ज्ञापन और धरना प्रदर्शन अब नहीं किया जाएगा। अपर कलेक्टर जे.एस बघेल ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही परिसर में शासकीय परिसम्पत्ति के होने वाले नुकसान की भरपाई भी धरना संगठन से वसूल की जायेगी।
ये है निर्णय का कारण
जारी निर्देश के मुताबिक शासकीय, गैर शासकीय संगठन तथा राजनैतिक दलों द्वारा प्रतिदिन ज्ञापन-धरना प्रदर्शन किया जाता हैं। ऐसी स्थिति में शासकीय कार्य बाधित होता है। इस संबंध में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था, कार्यालय के रख-रखाव व शासकीय परिसम्पत्ति को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए जनहित में सार्वजनिक सम्पत्ति और सुरक्षा को खतरे आदि की संभावनाओं को नियंत्रित करने के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।
वर्जित होंगी ये गतिविधियां
शासकीय, गैर शासकीय संगठनों, राजनैतिक दलों तथा व्यक्तिगत समस्याओं आदि के संबंध में ज्ञापन कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही दिये जा सकेंगे। परिसर में किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन करना अब प्रतिबंध रहेगा। उल्लेखनीय है की नवीन कलेक्टर कार्यालय के मुख्य द्वार एवं कार्यालय परिसर के अंदर किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन या अन्य गतिविधियां वर्जित है। किसी संगठन द्वारा बिना पूर्वानुमति के कार्यालय के मुख्य द्वार एवं परिसर के अंदर धरना प्रदर्शन आदि किया गया। तो दंड मिल सकता है। यह आदेश 22 फरवरी को जिला दंडाधिकारी के हस्ताक्षर एवं पदमुद्रा से जारी किया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा।