मध्य प्रदेश के धारा जिले में स्थित विवादित धरोहर भोजशाला फिर चर्चा में है, भोजशाला को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में दो मई को याचिका दायर की गई है.
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की तरफ से दायर याचिका में ब्रिटिश संगृहलय से प्रतिमा को वापस लाकर भोजशाला में स्थापित करने की मांग की है याचिका में भोजशाला को पूर्नतः हिंदुओ के अधिकार में देने की मांग भी की गई है
क्या है भोजशाला विवाद – धारा में स्थित भोजशाला कई वर्षो से हिंदू – मुस्लिम आस्था का केंद्र है
राजा भोज ने धारा में 1034 ई में एक भव्य पठशाला का निर्माण करा यहाँ वग्यदेवी की प्रतिमा स्थापित कराई थी
इतिहासकारों के मुताबिक 1305 ई में अलाउद्दीन खिलजी ने भोजशाला को ध्वस्त कर दिया था
दिलावर खां गौरी ने 1401ई में भोजशाला के एक भाग में मस्जित बनवा दी, 1514 ई में महमूद शाह खिलजी ने शेष भाग पर भी मस्जित बनवा दी.
बसंत पंचमी पर हिंदू भोजशाला के गर्भगृह में देवी सरस्वती का चित्र रखकर पूजन करते है
भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पूजा करते हैं, शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करते हैं
धारा स्टेट ने 1935 में परिसर में शुक्रवार को नमाज पढ़ने की अनुमति दी थी, पहले भोजशाला शुक्रवार को ही खुलती थी.
2003 में बदलाव किए गए,मंगलवार और बसंत पंचमी पर सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदुओं को पूजा की अनुमति मिली और शुक्रवार को मुस्लिमों को नमाज की.
हिंदू भोजशाला को अपनी धरोहर मानते हैं तो वही मुस्लिम समुदाय इस पर अपना हक जताता है, यही भोजशाला पर विवाद की वजह है.